Pranvayu devta scheme : साथ ही पेड़ों को पेंशन देने की योजना बनाई गई है। इस बात पर शायद ही किसी को फौरन यकीन होगा, लेकिन हरियाणा सरकार (Government of Haryana) ने अपने राज्य में 75 साल से ज्यादा उम्र के पेड़ों (trees over 75 years old) को पेंशन देने का फैसला किया है. प्राण वायु देवता योजना (Prana Vayu Devta Yojana) के तहत इन पौधों को सालाना 2500 रुपये (2500 rupees annually to plants) पेंशन मिलेगी।
Pranvayu devta scheme : खट्टर सरकार ने 2021 में भूमिहीन किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ वनों की कटाई को रोकने और हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए योजना की घोषणा की थी। लेकिन यह योजना अब पूरी तरह से लागू हो चुकी है।
पर्यावरण को बेहतर रखने में बुजुर्ग पेड़ों की अहम भूमिका
हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री चौधरी कंवर पाल ने कहा कि वह जब भी 75 साल पुराने पेड़ को देखते हैं तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है. ये पेड़ न केवल जीवनदायी हवा प्रदान करते हैं, बल्कि जानवरों को आश्रय देकर पर्यावरण को बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा ये पेड़ अपने भीतर इतिहास को भी संजोए हुए हैं।
पेड़ों की कटाई में आएगी कमी
आपको बता दे। उन्हें लगा कि इन पुराने पेड़ों को हमारे बुजुर्गों की तरह पेंशन दी जानी चाहिए ताकि उस पैसे से उनकी रक्षा की जा सके. इससे जीवनदायिनी हवा देने वाले इन पेड़ों से कटने का खतरा भी खत्म हो जाएगा। उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात की और मुख्यमंत्री ने इसे तुरंत स्वीकार कर लागू कर दिया.
सालाना 2500 रुपये का पेंशन
हरियाणा सरकार ने प्राणवायु देवता योजना के तहत 75 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों को उतनी ही पेंशन देने का निर्णय लिया है, जितनी वरिष्ठ नागरिकों को दी जाती है, केवल पेंशन वार्षिक होगी। पेड़ों के लिए सालाना 2500 का भुगतान किया जाएगा। वन मंत्री चौधरी कंवर पाल ने कहा कि उन्होंने हाल ही में एक अंतरराज्यीय पर्यावरण बैठक में भाग लिया, जहां कई राज्य मंत्रियों ने भी परियोजना की सराहना की और इसके बारे में जानकारी ली. Pranvayu devta scheme
अब तक 3 हजार 300 से अधिक पेड़ों का चयन किया जा चुका है और लोग आवेदन करें तो यह संख्या 4 हजार तक जा सकती है। सरकार ने पुराने पेड़ों को लेकर वन विभाग से आवेदन मांगा है।
यहां करना होगा आवेदन
यदि किसी के घर में 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र का एक पेड़ है और वह उस पर पेंशन लेना चाहता है तो वह अपने जिला वन विभाग कार्यालय में आवेदन कर सकता है। उसके बाद समिति द्वारा आवेदन का मूल्यांकन किया जाएगा। आवेदन की जांच के बाद व्यक्ति को पेड़ के लिए यह पेंशन दी जाएगी।
सरकार पौधारोपण के कार्यक्रम पर भी जोर दे रही है
सरकार पर्यावरण में सुधार के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रमों पर भी जोर दे रही है। जलशक्ति अभियान के तहत हर ग्राम पंचायत को मुफ्त पौधे मुहैया कराए जाते हैं। लेकिन जो पेड़ हर साल लगाए जाते हैं उन्हें बड़े होने में काफी समय लगता है। पुराने पेड़ों के स्वस्थ तनों की अच्छी कीमत मिलती है, अक्सर किसान उन्हें काटकर कुछ रुपये में बेच देते हैं। ऐसे में पेड़ों की कटाई को रोकने और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राणवायु देवता योजना शुरू की गई। Pranvayu devta scheme
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