Singrauli news : सिंगरौली 11 अप्रैल : जिले के निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाई जाती हैं, यह बात प्रत्येक अभिभावक को तो पता है, पर DEO इससे अनजान है। स्कूल शिक्षा विभाग यह मानकर चल रहा है कि निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें नहीं चलाई जा रही हैं। जबकि, वास्तविकता इससे हटकर है। जब मीडिया ने इसको लेकर प्रश्न उठाए तो जिला शिक्षा अधिकारी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि अभी तक उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत मिलने पर जांच कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी और और पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।
Singrauli news : शैक्षणिक सत्र 2023-24 आरंभ होते ही अभिभावकों के जेब पर कैंची चलने लगी है। सीबीएसई पैटर्न की निजी प्रकाशकों की पुस्तकें इतनी महंगी पड़ रही हैं कि अभिभावकों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। एलकेजी से लेकर 12 वीं कक्षा तक की पुस्तकों को खरीदने के लिए मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है। कापी एवं किताबों का सेट इतना महंगा है कि उसे खरीदने में अभिभावकों के पसीने निकल जा रहे हैं।
गौरतलब हो कि 1 अप्रैल से नया सत्र शुरू होते ही अभिभावकों की परेशानी इन दिनों बढ़ी हुई है। एक से दो माह की फीस के साथ स्कूलों में डेवलपमेंट फीस के नाम पर ली जाने वाली मोटी रकम भरनी है तो कॉपी-किताब भी खरीदनी पड़ रही है। आलम यह है कि कॉपी-किताब का सेट इतना महंगा है कि उसे खरीदने में अभिभावकों के पसीने निकल जा रहे हैं। कई निजी स्कूलों में तो एलकेजी से 12 वीं कक्षा की किताबों का सेट करीब 3 से 8 हजार रुपये पड़ रहा है। वहीं इस मामले में जिला प्रशासन अंजान बना हुआ है। Singrauli news
दरअसल जिला मुख्यालय के साथ-साथ चुनिंदा पुस्तक विक्रेताओं के यहां लंबी लाइनें लग रहीं हैं। आलम यह है कि बैढऩ, नवानगर, जयंत, मोरवा, विन्ध्यनगर, नवजीवन विहार, शक्तिनगर सहित अन्य स्थानों के परिजन बच्चों की किताबें खरीदने नगर के कस्बों एवं बैढऩ की चुनिंदा दुकानों पर पहुंच रहे हैं। स्कूलों द्वारा तय निजी प्रकाशकों की किताबें एनसीईआरटी की किताबों से पांच गुना तक महंगी हैं। Singrauli news
एनसीईआरटी की 200 पन्नों की एक किताब 55 से 60 रुपये की है जबकि निजी प्रकाशक की 290 पन्नों की किताब 272 रुपये में मिल रही है। अभिभावकों का भी यही सवाल है कि ऐसी कौन की किताबें स्कूल पढ़ा रहा है जो कक्षा 9 वीं मैथमेटिक्स की 408 पेज की 565 रुपये, रसायन शास्त्र 182 पेज की कीमत 330 रूपये,साथ ही साहित्य सागर अभ्यास पुस्तिका की कुल पेज 192 और कीमत 270 रूपये है। भौतिक शास्त्र पुस्तक के कुल पेज 236 और कीमत 360 रूपये, जीव विज्ञान का कुल पेज 202 कीमत 410 रूपये मेें चुनिंदा दुकानों में मिल रही हैं। वहीं हिन्दी व्याकरण में छात्रों को केवल 8 मिलेगा और किताब की कीमत 390 रूपये इस किताब का कुल 336 पेज की मिल रही है। इतनी महंगी तो बीए, बीएससी, बीकाम, एम.काम, एमए, एमएससी की पुस्तकें भी नहीं आतीं। Singrauli news
सांठ-गांठ का चल रहा खेल,संस्थानों की चुप्पी
चुनिंदा दुकानों में ही किताबें मिल रही हैं। उसमें से भी आधी-अधूरी किताबे उपलब्ध हैं। बताया जा रहा है कि कथित पुस्तक विक्रेता एवं विद्यालयों के प्रबंधन से सांठ-गांठ है। जहां उनके संरक्षण में दुकानदार अच्छी खासी कमाई किताबों एवं कापियों का सेट बेचकर कर रहे हैं। एक अभिभावक खुद बताते हैं कि यह सब खेल स्कूल और पुस्तक विके्रता के मिलीभगत से ही संभव है। यदि कोई अभिभावक संबंधित विद्यालय में शिकायत दर्ज कराने का प्रयास भी करता है तो उनकी शिकायत को नजर अंदाज कर दिया है इतना ही नहीं कुछ बिक्रेता छात्रों के अभिभावकों से मोटी रकम ऐंठने के बावजूद सीधे मुह बात करने को तैयार नहीं रहते। अभिभावकों की मजबूरी रहती है कि अन्य पुस्तक दुकानों में संबंधित प्रकाशकों की पुस्तकें नहीं मिलेंगी इसीलिए अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए कथित दुकानदारों के दो-चार शब्द सुनने के लिए विवश हैं। Singrauli news
हर साल कुछ न कुछ पुस्तकों में होता रहता है संशोधन
प्रकाशकों के साथ-साथ कथित स्कूलों एवं पुस्तक विक्रेताओं के लिए एक और कमाई का जरिया है। एक अभिभावक ने यह भी बताया कि हर साल कक्षाओं के दो-तीन विषयों में संशोधन किया जाता है। यह तरीका आज से नहीं कई वर्षों से अपनाया गया है। जबकि इसके लिए सरकार को दखल देना चाहिए। विषयों के बदलाव में एक समयसीमा होनी चाहिए। किन्तु हर साल कुछेक किताबों में कुछ न कुछ बदलाव कर दिये जाते हैं और किताबों के कवर भी बदले रहते हैं। किसी को पता भी नहीं चलता। शैक्षणिक संस्थानों के इस खेल से अभिभावक परेशान हैं और यह सब खेल सीबीएसई स्कूलों में ही चल रहा है। इसमें सरकार को दखल देने की जरूरत है।
इनका कहना है
अभी तक ऐसी कोई शिकायत किसी अभिभावक के द्वारा नहीं की गयी है। यदि किसी अभिभावक या छात्र के द्वारा शिकायत की जाती है तो उसके लिए जांच कमेटी टीम गठित कर मामले की जांच करायी जायेगी और आरोप सही मिलने पर कार्रवाई होगी।
एसबी सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी,सिंगरौली