Singrauli News सिंगरौली 4 सितम्बर। जिले सरकारी विद्यालयों में नि-शुल्क पाठ्य पुस्तक छात्र-छात्राओं को वितरण कराने का निर्देश है। लेकिन शिक्षा विभाग के खण्ड स्तर पर बैठे भ्रष्ट अधिकारियों ने किताबों को कबाड़ दुकानों में बेचने का गोरख धंधा अपना लिया है। वही शातिर चोर कितना भी चालाकी करे किसी न किसी दिन फंस ही जाता है।
ऐसा ही इसी से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला सामने आने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। कोतवाली पुलिस से मिली सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कचनी में 2 अगस्त की रात में एक पिकअप वाहन क्रमांक यूपी 65 एचटी 4435 से एक कन्टेनर में पाठ्य पुस्तके लोड कराई जा रही थी। कोतवाली पुलिस रात के गस्त में थी। तभी पुलिस पिकअप एवं यूपी के ऊन्नाव जिले के कन्टेनर के पास पहुंच चालक से पूछतांछ करने लगी। पुलिस को देख दोनों वाहनों के चालकों के चेहरे पर पसीना आने लगे। तब पुलिस का शक हुआ और दोनों चालकों से गहन पूछतांछ शुरू कर दिया। इस दौरान पिकअप वाहन के चालक ने पुलिस को बताया कि उक्त पुस्तकें सरकारी हैं और पिपरवान विद्यालय से यह किताबें लोड कराई गई है।
बताया जा रहा है कि संजय नामक व्यक्ति किताबों लेकर साथ में आया था और किताबों को इसी कन्टेनर के माध्यम से यूपी भेजना था। वही कन्टेनर वाहन के चालक ने बताया कि उक्त किताबों को यूपी के ऊन्नाव के कबाड़ के दुकान में ले जाना था। पुलिस ने दोनों वाहन चालको को हिरासत में लेकर वाहन जप्त कर लिया है। साथ ही पत्र लिखकर डीईओ व डीपीसीसी से किताबों के संबंध में जानकारी मांगी। अब यह मामला तूल पकड़ लिया है और बीआरसीसी व शिक्षक इस खेल के लपेटे में आ सकते हैं।
सूत्रों का दावा है कि स्कूलों में भले ही बच्चों का दाखिला हो जाता है लेकिन वह स्कूल नहीं के बराबर पहुंचते हैं इसी का फायदा शिक्षा से जुड़े शिक्षक किताबों को अधिक कमाई के लिए रद्दी के भाव बेच देते हैं। यह बात शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को है लेकिन बच्चों के ज्यादा से ज्यादा दाखिले की दवाब में भले ही बच्चों का दाखिला हो जाता है लेकिन बच्चे स्कूल नहीं पहुंचते।