Petrol : पुणे (pune) की एक कंपनी ने ऐसा डिवाइस बनाया है जो कार में भरे फ्यूल, कीमत और पंप की पूरी जानकारी मोबाइल पर रियल टाइम में दे देगा. इस डिवाइस (device)को अमेरिका में पेटेंट कराया गया है। छोटा उपकरण ईंधन टैंक के ठीक बाहर फिट होगा। डिवाइस से जुड़ा सेंसर टैंक के अंदर होगा। इससे ट्रक संचालक बड़े नुकसान से बच जाएंगे।
Petrol : desk report – नयी दिल्ली। पेट्रोल या डीजल की चोरी, यह समस्या समय-समय पर सामने आती रही है या आती रही है। लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। लेकिन अब पुणे की एक कंपनी इंटैंगल्स लैब ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है जो पेट्रोल-डीजल की हर तरह की चोरी को चुटकियों में पकड़ लेगा. कंपनी को इस डिवाइस के लिए यूएस पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस से पेटेंट भी मिल चुका है . इस डिवाइस के जरिए यूजर को रियल टाइम जानकारी होगी.कि कितना और कहां से डीजल डलवाया गया है.
ईंधन चोरी की निगरानी प्रणाली वर्तमान में वाणिज्यिक वाहनों के लिए विकसित और उपयोग की जा रही है। इस डिवाइस का मुख्य उद्देश्य ट्रक ड्राइवरों, फ्यूल स्टेशनों और फ्लीट ऑपरेटरों के बीच पारदर्शिता लाना है। कंपनी के मुताबिक इस डिवाइस के जरिए एक महीने में दो लाख लीटर की चोरी पकड़ी गई। वहीं, तीन माह में करीब 10 लाख लीटर ईंधन की चोरी रोकी जा चुकी है।
कैसे होती है पेट्रोल की चोरी
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के फाउंडर और एनालिटिक्स हेड अमन सिंह ने कहा कि अगर हम बड़े कमर्शियल व्हीकल्स की बात करें तो40 टन ट्रक या 50 टन ट्रक ज्यादा माइलेज नहीं देता है और ये 2 से 3 किमी. एक लीटर में चल पाता है. ऐसे में ट्रक ऑपरेटर्स को डीजल की चोरी से बड़ा नुकसान होता है.
अमन ने बताया कि डीजल की चोरी आमतौर पर दो तरह से की जाती है। एक तो यह कि ट्रक चालक ही ऐसा करते हैं। मसलन वे गाड़ी में 100 लीटर डीजल भरवाते हैं और 200 लीटर का बिल देते हैं। ऐसे में ट्रक संचालक को सीधे 100 लीटर का नुकसान होता है। दूसरा तरीका पेट्रोल पंप पर किया जाता है। पंप की तरफ से 100 लीटर के बजाय केवल 90 लीटर ईंधन डाला जाता है। लेकिन मीटर पूरे 100 लीटर दिखा रहा है।
चोर कैसे पकड़ा जाएगा?
अमन ने कहा कि हमारा डिवाइस फ्लीट संचालकों को सटीक जानकारी देगा कि गाड़ी में कितना पेट्रोल डाला गया है. यह एक एक्सटर्नल डिवाइस होगी जिसके सेंसर फ्यूल टैंक के अंदर होंगे। ये सेंसर ईंधन की सही मात्रा रिकॉर्ड करेंगे। यह सारी जानकारी मोबाइल पर रियल टाइम में फ्लीट ऑपरेटर के पास पहुंच जाएगी। इसमें आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी कि ट्रक में कितना ईंधन डाला गया, किस स्थान या पंप पर और कितना ईंधन डाला गया।
यह डिवाइस महिंद्रा कारों में आएगी
कंपनी ने इस सिस्टम के लिए महिंद्रा के साथ करार किया है। महिंद्रा के नए ट्रकों में यह डिवाइस लगाई जा रही है। इसके साथ ही कंपनी इस तकनीक को लेकर आईओसीएल और बीपीसीएल से भी बात कर रही है। अमन का कहना है कि इस डिवाइस को लगाने के लिए किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं होगी और ट्रक के फ्यूल टैंक को भी कोई नुकसान नहीं होगा।
यात्री वाहनों में भी लगाया जा सकता है
अमन के मुताबिक, यह डिवाइस फिलहाल कमर्शियल व्हीकल्स के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन इसे पैसेंजर व्हीकल्स में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यात्री वाहनों के लिए एक अलग उपकरण विकसित किया जा रहा है जो जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगा।
फ्यूल क्वांटिफायर और मोबाइल ऐप डाउनलोड की मदद से अब कोई भी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल लेते समय लो मेजरमेंट एरर पकड़ सकता है।
फ्यूल क्वांटिफायर विकसित करने वाले पीएचडी छात्र माधवराव लोंधे ने कहा कि उन्होंने पीएचडी छात्र महेंद्र कुमार गोहिल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. नचिकेता तिवारी के निर्देशन में बनी।
फ्यूल टैंक में फ्यूल क्वांटिफायर ब्लूटूथ या वाई-फाई के जरिए मोबाइल में एक ऐप से कनेक्ट हो जाएगा, जिसके बाद फ्यूल रीडिंग कुछ सेकंड में मोबाइल स्क्रीन पर डिस्प्ले हो जाएगी। लोंधे ने कहा कि लोग चाहें तो कार के डैशबोर्ड पर अलग से स्क्रीन लगा सकते हैं। फ्यूल क्वांटिफायर प्रति यूनिट समय में पेट्रोल-डीजल को मापता है। Petrol
इस तरह तेल मापा जाता है
फ्यूल क्वांटिफायर प्रति यूनिट समय में पेट्रोल-डीजल की मात्रा को मापता है। नोजल से टैंक तक तेल प्रवाह की गति तेज हो या धीमी, इससे रीडिंग प्रभावित नहीं होती है। क्वांटिफायर में कई सेंसर लगे होते हैं। सबसे पहले तेल मैग्नेटिक रोटर में जाता है। इसमें लगे ब्लेड घूमने लगते हैं और ऑयल रीडिंग आने लगती है।बहुत से लोग पंप के बारे में शिकायत करते हैं.अकेले उत्तर प्रदेश में 6745 पेट्रोल-डीजल पंप हैं। पिछले दिनों एसटीएफ और पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों को 345 पेट्रोल पंपों से ईंधन चोरी करते पकड़ा गया था। बाद में इन्हें बंद कर दिया गया। इनमें से ज्यादातर अब भी बंद हैं। Petrol
क्या मूल्य है?
लोंधे ने बताया कि फ्यूल क्वांटिफायर बनाने में 2000-2500 रुपए का खर्च आता है। अधिक संख्या में तैयार होने पर इसकी लागत 1000 रुपए से भी कम होगी। Petrol