Train Running Late: सिंगरौली । सिंगल रूट के चलते अभी भी अधिकांश ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं। रात की ट्रेन सुबह की जगह रात को स्टेशन पहुंच रही हैं।सिंगरौली भोपाल ट्रेन 22166 अपने निर्धारित समय से 3 घंटे 43 मिनट से चली है।इससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनें देरी से चलने के कारण बड़ी संख्या में यात्रियों को स्टेशन पर ठंठ में ठिठुरते हुए ट्रेनों का इंतजार करना पड़ रहा है। तो वहीं ग्राहक सुविधा केंद्र का फोटो लेने के बाद गाली, धक्का मुक्की और मुश्किलों में डालने की धमकियां दी जाती हैं. ऐसी घटना मेरे साथ हुई है.Train Running Late
बता दें कि रेलवे दावा करता है कि वह रेल यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा भारतीय रेलवे की संपत्तियों की रक्षा और यात्रियों को वह सारी सुविधा मुहैया कराता है जिससे उनको कोई दिक्कत नहीं हो. लेकिन रेलवे द्वारा खोले गए ग्राहक सेवा केंद्र जब बंद हो तो फिर कोई भी यात्री सहायता की उम्मीद कैसे करें. और जब कोई भी आरपीएफ और रेलवे विभाग की जिम्मेदारियों का एहसास दिलाएं,आईना दिखाएं तो वह फिर उनका दुश्मन हो जाता है. भारत सरकार भले ही यात्रियों की सुविधाओं के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है लेकिन जबलपुर जोन के बरगवा रेलवे स्टेशन की व्यवस्था बदहाल है. एक सिंडीकेट काम करता है और उनकी गुंडागर्दी चलती है. Train Running Late
बता दे कि कल मैं सिंगरौली जिले के बरगवां स्टेशन से भोपाल के लिए जा रहा था. मेरा टिकट भी वातानुकूलित थर्ड श्रेणी में रिजर्वेशन था.सिंगरौली बरगवां रेलवे स्टेशन के वातानुकूलित श्रेणी में बैठ कर मैं भी ट्रेन का इंतजार कर रहा था. ट्रेन कई 4 घंटे लेट होने के चलते मैं भी वातानुकूलित वेटिंग हाल के बाहर टहल रहा था. स्टेशन पर बैठे कई ऐसे लोग एक दूसरे से यह समझ रहे थे कि आप ट्रेन कब आएगी दरअसल बरगवां रेलवे स्टेशन में बने ग्राहक सुविधा केंद्र सह मुख्य माल प्रर्यवेक्षक कक्ष में ताला जड़ा था. ट्रेन आने को लेकर कोई अनाउंसमेंट भी नहीं हो रहा था. ऐसे में विना इन्टरनेट चलाने वालों को दिक्कतें हो रहीं थी कि आखिर ट्रेन कब आएगी.
बरगवां रेलवे स्टेशन यात्रियों की परेशानियों को देखा और समझा. फिर मैं पेशे से पत्रकार हूं, तो मैंने अपनी पत्रकारिता धर्म का पालन करते हुए ग्राहक सुविधा केंद्र में लटक रहे ताले का फोटो खींचा, तो वहां मौजूद सीआरपीएफ के जवान मुझे फोटो खींचते हुए देख लिया. वह मेरे पास आकर बड़ी बदतमीजी से धमकाने लगे कि आखिर फोटो कैसे खींच लिया, क्या जरूरत है इसका क्या करेंगे, कुछ देर के लिए तुम मुझे ऐसा एहसास हुआ कि मुझसे कोई बड़ा गुनाह हो गया है. उस हट्टे कट्टे ज़बान ने फोन किया तो उसके कई साथी मेरे साथ बदतमीजी करते हुए जुमा झटकी पर उतर आए .Train Running Late
ग्राहक सेवा केंद्र का फोटो खींचने को लेकर आरपीएफ पुलिस और रेलवे कर्मचारियों को इतना नागवार गुजरा कि उनके साथ आए हुए लोग मेरे साथ झूमा झटकी करने लगे.एक सिविल में शख्स खुद को आरपीएफ का बताकर मुझे अपने केबिन में ले जाने की मानसिक रूप से दबाव बनाया. मेरे नहीं जाने पर उसका एक अन्य साथी मुझे अपने केबिन के भीतर ले जाने के लिए मेरा हाथ पकड़ा , मुझे जबरदस्ती खीचा. इस दौरान वहां कई लोगों ने आपत्ति जताई,तब कहीं जाकर वह लोग मुझे छोड़े। वहीं दाढ़ी बढ़ाए और चंदन लगाकर एक शख्स मुझे यह भी धमकी दिया कि वह मुझे मुश्किलों में डाल देगा.एक पल के लिए तो मुझे डर लगा लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन दोनों पक्षों को रोक लिया।Train Running Late