Guinness World Records: वो कहते हैं न, मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों में उड़ान होती है। अगर हौंसले बुलंद हो तो कमी कभी भी काबिलियत पर भारी नहीं पड़ती। इस बात को साबित किया भारतीय बॉडी बिल्डर प्रतीक विट्ठल (Pratik Vitthal) ने। जिस गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records) में नाम दर्ज कराने के लिए लोग बड़े-बड़े काम करते हैं, उसमें 3 फीट 4 इंच के प्रतीक विट्ठल (Pratik Vitthal) ने अपना नाम दर्ज कराया है. वे सबसे छोटे कद के बॉडी बिल्डर (Shortest Bodybuilder World Record) बन गए हैं. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से उनके इस कारनामे को कंफर्म किया गया है।
भले ही शारीरिक रूप से व्यक्त सक्षम ना हो लेकिन इंसान के हौसलों के सामने भारी नहीं पड़ सकता. यह बात साबित की है भारतीय बॉडी बिल्डर प्रतीक विट्ठल (Pratik Vitthal) ने. 26 साल के प्रतीक को शरीर से (Shortest Bodybuilder World Record) कुदरत ने भले ही परफेक्ट न बनाया हो, लेकिन उन्होंने अपनी कमी को अपनी ताकत बनाया और बन गए दुनिया के (World’s Shortest Bodybuilder) सबसे छोटे बॉडी बिल्डर.
प्रतीक विट्ठल मोहिते बताते हैं कि उन्होंने 2012 में बॉडी बिल्डिंग (शरीर सौष्ठव) शुरू की। इसके बाद उन्होंने जब अच्छी खासी बॉडी बना ली तो वर्ष 2016 में उन्होंने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। वे कहते हैं कि उनका परिवार बहुत खुश है और उन पर गर्व करता है। इस सब के पीछे उनके परिवार और दोस्तों का हाथ है, जिन्होंने उनकी हर कदम पर मदद की। बता दें कि प्रतीक का जन्म असामान्य रूप से छोटे हाथों और पैरों के साथ हुआ था और बाद में उन्हें बौनेपन का पता चला था।प्रतीक विट्ठल मोहिते कहते हैं कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का खिताब हासिल करना मेरा सपना था और इसे हासिल करना एक ऐसा सम्मान है। मैं बहुत खुश हूं और अब तक यह मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
प्रतीक (Pratik Vitthal) ने अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Records) में दर्ज कराने के लिए पहले भी 3 बार प्रयास किया था, लेकिन वो रिजेक्ट हो गए थे। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और चौथी बार पूरी तैयारी के साथ अपना नाम भेजा। इस बार उनका नाम स्वीकार कर लिया गया और उनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया।
छोटे कद के चलते समाज में उन्हें ताने भी सुनने पड़े, लेकिन 3 फीट 4 इंच के प्रतीक ने अपनी कमी को अपनी ताकत बनाया और दुनिया भर में मशहूर हो गए। उन्होंने अपना करियर बॉडी बिल्डिंग में बनाने के लिए सोचा और अपना सपना भी पूरा किया. प्रतीक बताते हैं कि उन्होंने अपने मामा को देखकर वर्कआउट करना शुरू किया था। उन्होंने मन में ठान लिया था कि वे कुछ करके दिखाएंगे। प्रतीक ने एक दोस्त के कहने पर प्रतीक ने वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए अपना नाम दिया था और अब वे विश्व रिकॉर्ड होल्डर हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 ने उन्होंने बॉडी बिल्डिंग की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। शुरुआती दौर पर वे इस बात से डरते थे कि स्टेज पर लोग उनका मज़ाक का पात्र बनाएंगे बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. लेकिन इस बीच उन्हें लोगों की ओर से जब प्यार मिला तो उन्होंने साल 2018 में महाराष्ट्र के लिए सिल्वर मेडल जीता। वो नेशनल लेवल के लिए सेलेक्ट होते गए। वे बताते हैं कि पहले फौजी बनने का सपना उनके दिल में था, लेकिन 12 साल की उम्र में उन्हें अपनी दिव्यांग होने के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाया।