बसंत पंचमी पर हो रहे हैं शुभ संयोग,बसंत पंचमी के दिन की जाती है मां सरस्वती की पूजा,बुद्धादित्य योग बन रहा है।
Basant Panchami 2022: माघ माह (Magh maah) शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व माना जाता है. इस साल बसंत पंचमी पूजा ( Basant panchami Parv) 5 फरवरी, दिन शनिवार को मनाई जाएगी। इसे श्री पंचमी और बागेश्वरी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। ज्ञान बुद्धि विद्या और संगीत की प्राप्ति के लिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा (Maa sarswati ki Pooja) की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष बसंत पंचमी के दिन 3 विशेष अजब संयोग बन रहे हैं। सिद्ध, साध्य और रवि योग के संगम के कारण यह बसंत पंचमी (Basant panchami) शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।आइए जानते हैं इस बार बसंत पंचमी के दिन होने वाले खास संयोग के बारे में।
बन रहे हैं बसंत पंचमी पर तीन विशेष सहयोग
ज्योतिषियों के अनुसार इस बार बसंत पंचमी पर 3 विशेष संयोग बन रहे हैं। दरअसल, बसंत पंचमी के दिन सिद्ध, साध्य और रवि योग का त्रिवेणी योग बन रहा है. यह योग पढ़ने वालों के लिए भी अच्छा माना जाता है। छात्र अपने भविष्य को लेकर कठिन परिश्रम करेंगे। इन योगों में पूजा करने से भी विशेष लाभ होगा। ज्योतिषियों के अनुसार त्रिवेणी योग दीक्षा के लिए अत्यंत शुभ है। इस योग में विद्यारंभ संस्कार करने से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. ये पर्व पंचमी तिथि के दिन सूर्योदय और दोपहर के बीच में मनाया जाता है. विशेष मुहूर्त या योग में पूजा-पाठ का कितना सकारात्मक असर पड़ता है, ये तो सर्वमान्य है ही।
बसंत पंचमी के दिन बनेगा बुधादित्य योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सूर्य और बुध एक साथ मकर राशि में मौजूद रहेंगे। सूर्य और बुध का यह योग बुधादित्य योग का निर्माण करेगा। वास्तव में बुध बुद्धि का ग्रह है। ऐसे में इस योग में ज्ञान और बुद्धि की देवी सरस्वती की पूजा करना शुभ और फलदायी सिद्ध होगा. साथ ही सभी 9 ग्रह चार राशियों में होंगे। इससे केदार योग संयोग बनेगा। इन्हीं योगों के चलते इस बार की बसंत पंचमी खास है।इस दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त Basant Panchami Shubh Muhurat)
बता दें कि इसी दिन से वसंतोत्सव की शुरुआत भी होती है. वसंतोत्सव होली तक चलता है, इतना ही नहीं इस उत्सव को मदनोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है.बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 3 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा. शुभ मुहूर्त रविवार 6 फरवरी को अपराह्न 3:46 बजे समाप्त होगा। बता दें कि सरस्वती पूजन के लिए सूर्योदय और भोर के बीच का समय शुभ होता है।विशेष मुहूर्त या योग में पूजा-पाठ का कितना सकारात्मक असर पड़ता है, ये तो सर्वमान्य है ही।
इनको मिलेगा शुभ लाभ
आज मां सरस्वती की पूजा का दिन है। शिक्षा शुरू करने या कोई नई कला शुरू करने के लिए आज का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन कई लोग घर में प्रवेश भी करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ धरती पर आते हैं। इसलिए, इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करने वाले पति-पत्नी को अपने वैवाहिक जीवन में कभी भी बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ता है।ऐसे में इस योग में ज्ञान और बुद्धि की देवी सरस्वती की पूजा करना शुभ और भक्तों को फल देने वाला होता है.