भोपाल। सत्ता कांटों का ताज होता है, फूलों का नहीं… यह कहावत इन दिनों प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के लिए सटीक बैठ रही है शायद वह इन दिनों इसे बेहद करीब से महसूस भी कर रहे हो। दरअसल अपनी सरकार बनाने के सौ से ज्यादा दिन गुजर जाने के बाद आखिरकार शिवराज सिंह ने मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी कर ली है। शिवराज सरकार में गुरुवार को मंत्रिमंडल विस्तार होना लगभग तय है, हालांकि इसके लिए बकौल शिवराज सिंह चौहान, ने कहा’ मंथन से हमेशा अमृत ही मिलता है, विष तो शिव पी जाते हैं।
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार के लिए मंत्रियों के नाम वाली सूची लेकर श्री विनय सहस्त्रबुद्धे दिल्ली से भोपाल पहुंच गए हैं। सूत्रों की माने तो इससे पहले शिवराज सिंह मंत्रियों की सूची लेकर दिल्ली पहुंचे थे लेकिन आलाकमान उनकी सूची से संतुष्ट नहीं फिलहाल श्री सहस्त्रबुद्धे मंत्रियों की फाइनल लिस्ट लेकर भोपाल पहुंच गए हैं.इससे पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया को बताया कि 2 जुलाई 2020 को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
शिवराज ने कहा,विष तो शिव पी जाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान सुर्खियों में मीडिया से बातचीत के समय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘ मंथन से हमेशा अमृत ही मिलता है, विष तो शिव पी जाते हैं।’ उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा यह है कि इस मंत्रिमंडल में शिवराज सिंह की कई चहेतों तो जगह नहीं दी गई है वहीं दूसरी तरफ ज्योतिराज सिंधिया के खेमे से करीब 12 मंत्री होने बताए जा रहे हैं।सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ की सरकार गिराने में अहम रोल निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ही बैठने की लालसा रखे हुए हैं।
मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं , सिर्फ़ विष ही विष निकला है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 1, 2020
मंथन से निकले विष को तो अब रोज़ ही पीना पढ़ेगा क्योंकि अब तो कल से रोज़ मंथन करना पढ़ेगा।
अमृत के लिये तो अब तरसना ही तरसना पढ़ेगा।
इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पढ़ेगा।
शिवराज के बयान पर कमलनाथ का तंज कमलनाथ की कुर्सी छीनकर फिलहाल उस पर सीएम शिवराज ने कब्जा किया हुआ है, उन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज के विष वाले बयान पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है, मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं, सिर्फ़ विष ही विष निकला है। मंथन से निकले विष को तो अब रोज़ ही पीना पड़ेगा, क्योंकि अब तो कल से रोज़ मंथन करना पड़ेगा। अमृत के लिए तो अब तरसना ही तरसना पड़ेगा। इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पड़ेगा।’
3 Comments
Your style is so unique compared to many other people. Thank you for publishing when you have the opportunity,Guess I will just make this bookmarked.2
Greetings from Florida! I’m bored at work so I decided to check out your website on my iphone during lunch break. I love the knowledge you provide here and can’t wait to take a look when I get home. I’m surprised at how quick your blog loaded on my phone .. I’m not even using WIFI, just 3G .. Anyways, awesome blog!
Very nice style and excellent subject material, very little else we require : D.