भोपाल। उप चुनाव के ठीक पहले एक बार फिर चुनावी उठापटक शुरू हो गई है जहां कब अटकलें लगाई जा रही हैं की ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा छोड़ एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. इस बात की हवा तब चली जब कांग्रेस सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले जबलपुर के नेता सत्येंद्र यादव वापस कांग्रेस में लौट आए हैं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘महाराज’ भी भारतीय जनता पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं। जल्द ही कांग्रेस में वापस आ जाएंगे।
सत्येंद्र यादव जबलपुर में पुराने कांग्रेसी नेताओं में गिने जाते हैं। प्रारंभ से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक रहे हैं। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की तब सत्येंद्र यादव ने भी सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल सत्येंद्र यादव गुरुवार को पीसीसी दफ्तर पहुंचे और कामकाज शुरू किया.यादव ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास माने जाते हैं.
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराज को लेकर सामान्य तो बिल्कुल नहीं चल रहा अभी हाल ही दिनों में भाजपा की एक अहम बैठक में जो पोस्टर लगाए गए थे उनमें सिंधिया को जगह नहीं दी गई थी ऐसे में सिंधिया समर्थक काफी नाराज थे वहीं दूसरी तरफ सिंधिया की फोटो नहीं लगाई जाने पर भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने यह खारिज कर कह दिया कि सिंधिया जनप्रतिनिधि नहीं है चुनाव नहीं जीते हैं इसीलिए उनकी फोटो नहीं लगाई गई है.भाजपा में लगातार हो रही उपेक्षा से सिंधिया खेमे में गुस्सा है बताया तो यहां तक जा रहा है कि सिंधिया इन दिनों किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं. वह भाजपा में खुद को सहज महसूस नहीं कर रहे हैं तो अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि महाराज जल्द ही कांग्रेस में वापसी करेंगे !
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा की 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. इन सीटों पर जीत और हार का गणित राज्य सरकार के भाग्य का फैसला करेगा. ऐसे में सत्तासीन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां पूरे दमखम के साथ उपचुनाव की तैयारी कर रही हैं. इन 24 सीटों में 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद पूरे मध्य प्रदेश में इस्तीफों की बाढ़ आ गयी थी. सिंधिया समर्थकों ने इस्तीफों की झड़ी लगा दी थी. ग्वालियर-चंबल में तो खलबली मच गई थी. हर जुबान पर सिंधिया के पार्टी छोडऩे की खबर ही रही. सिंधिया समर्थकों ने धड़ाधड़ इस्तीफे देने शुरू किए और जिला कांग्रेस कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा.
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