भोपाल। चौथी बार सूबे की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मिनी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब दूसरा बृहद मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होने जा रहा है।राज्य में कोरोना संकट की विकट स्थितियों से निपटने के लिए कैबिनेट गठन का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि लंबे समय से संतुलन बनाए रखने की कडी़ मशक्कत के बाद 25 नाम लगभग तय माने जा रहे हैं।सूची बन चुकी है, बाकी की तैयारियां भी पूरी हैं। इंतजार पार्टी हाईकमान की हरी झंडी का है।
सबकी नजर दिल्ली पर टिकी। मंत्रिमंडल कब शपथ लेगा,तारीख का फैसला दिल्ली में होना है। ऐसे में सबकी नजरें दिल्ली आलाकमान पर टिकी है । सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में लगभग 25 नेताओं को शामिल किया जा सकता है। सिंधिया समर्थकों में से 8-10 मंत्री बनाए जा सकते हैं। जबकि भाजपा से 15-16 मंत्री बनाए जा सकते हैं। कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन साधने के साथ ही पूर्व मंत्रियों को शामिल करने का भी दबाव है। सूत्र बताते हैं की सूबे के मुखिया जल्द ही दिल्ली जाकर मंत्रियों के नाम पर मोहर लगवा कर आएंगे।
सिंधिया समर्थकों की संख्या को लेकर मामला अटका। हाल ही में भाजपा कार्यालय में हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार के मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत से विस्तार से चर्चा की गई है। सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार होगा इसमें सिंधिया समर्थकों की संख्या को लेकर मामला अटका हुआ है। भाजपा की ओर से मामला साफ है कि कौन-कौन से वरिष्ठ नेताओं को शपथ दिलाई जानी है।
ये हैं मंत्री के दौड़ में शामिल भोपाल से वरीयता के आधार का रामेश्वर शर्मा का मंत्री बनना तय माना जा रहा है,विकल्प के रूप में विश्वास सारंग और एससी कोटे से विष्णु खत्री, रायसेन से रामपाल सिंह। इंदौर से ऊषा ठाकुर, रमेश मेंदोला,मालिनी गौड़ को जिम्मेदारी दी जा सकती है। मालवा निमाड़ से, यशपाल सिंह सिसोदिया,मोहन यादव, चेतन कश्यप आदिवासी कोटे से विजय शाह या प्रेम सिंह पटेल भी मंत्री बनाए जा सकते हैं।बुंदेलखंड से पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का मंत्री बनना तय माना जा रहा है, पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ एससी कोटे से हरीशंकर खटीक का नाम भी चर्चा में आया है।ग्वालियर चंबल से अरविंद भदौरिया, यशोधरा राजे सिंधिया का नाम भी शामिल हो सकता है। विन्ध्य से राजेंद्र शुक्ला व गिरीश गौतम में से किसी एक को मौका मिल सकता है। इसमें पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल को संगठन की जिम्मेदारी देने की बात चल रही है। सीधी से केदारनाथ शुक्ला, ओबीसी कोटे से रामलल्लू वैश्य और एससी से कुंवर सिंह टेकाम के नाम पर भी चर्चा है।महाकौशल से अशोक रोहाणी या अजय विश्नोई में से किसी एक को मौका मिलेगा। प्रबल दावेदार पूर्व मंत्री संजय पाठक, गौरीशंकर बिसेन और एसटी कोटे से देवी सिंह सैयाम का नाम पर भी सहमति बन सकती है।
सिंधिया गुट से यह है संभावित नाम
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया गुट के संभावित नामों में डा. प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, बिसाहूलाल सिंह, एदल सिंह कंसाना, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग और रणवीर जाटव के नाम भी मंत्री पद के दावेदारो में हैं। यह सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia ) के समर्थक हैं जो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले बाकी अन्य 12 विधायकों को भी निगम मंडलों में एडजस्ट किया जाएगा।
क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद
शिवराज सरकार में सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद होगी। क्षेत्रीय स्तर पर प्रदेश के सभी संभागों से मंत्री बनाने के साथ सामाजिक समीकरण के स्तर पर क्षत्रिय, ब्राह्मण, पिछड़े, अनुसूचित जाति और आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने की संभावना है। मगर कहीं-कहीं भौगोलिक संतुलन बिगड़ रहा है