बीजेपी का अंतर कलह मध्यप्रदेश के भविष्य को निगल रहा -जीतू पटवारी
भोपाल सीएम शिवराज के चौथा कार्यकाल में शिवराज सिंह चौहान के लिए मुश्किल तो नहीं लेकिन आसान बिल्कुल भी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि विधायकों को मंत्री बनने की चाह और प्रबल होती जा रही है। दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शपथ लेने के 29 दिन बाद मिनी मंत्रिमंडल का शपथ कराया है, इस मंत्रिमंडल में फायर ब्रांड नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को जगह नहीं मिली है बताया जा रहा है कि बीजेपी के भीतर ही अंतः कलह मचा हुआ है। हालांकि मंत्रिमंडल के विस्तार में जातीय समीकरण को तरजीह दी गई है। महिला और आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व मीना सिंह, ओबीसी वर्ग से कमल पटेल,अनुसूचित जाति वर्ग से सिलावट और सामान्य वर्ग से नरोत्तम मिश्रा और गोविंद सिंह राजपूत को प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। फिलहाल जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी नरोत्तम मिश्रा तो दिए जाने की खबर है. राजनीतिक जानकारो की माने तो जिस तरह से मिनी मंत्रिमंडल बनाया गया है इसके पीछे बीजेपी का डर साफ देखा जा सकता है। मंत्री बनने की उम्मीद पर कई विधायक टकटकी लगाए हुए हैं। बीजेपी को डर सता रहा है कि कहीं मंत्री नहींं बनाने पर उनके विधायक बीजेपी की कांग्रेस जैसी हालत ना कर दे.
सिंधिया के सामने बीजेपी मंत्रियों का कद हुआ कम
मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री व दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के बाद अब प्रदेश की सियासत में सक्रिय होते दिखाई दे रहे है। उनकी इस सक्रियता से बीजेपी पार्टी में खलबली मची हुई है। सिंधिया के सामने कई बीजेपी मंत्रियों का कद कम हुआ है इस बात से तो इंकार नहीं किया जा सकता।यहीं नहीं वह बीजेपी के उन नेताओं के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं जो इस समय काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेताओं में उनकी इस सक्रियता से काफी खलबली मची हुई है। उन्हें इस बात का डर बना हुआ है कि सिंधिया के यहां आने से उनकी राजनीति खतरे में पड़ सकती है। पार्टी में उनका कद भी घट सकता है। बता दें कि सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने को लेकर बीजेपी के दो बड़े नेता नाराज है। पार्टी से दो कद्दावर मंत्रियों ने बगावत कर कांग्रेस में जाने का मन बना रहे है। जिसके कई मायने सियासी गलियारों में निकाले जा रहे हैं।
महाकौशल अंचल
यहां से सिंधिया समर्थक कोई नहीं है। लेकिन भाजपा खेमे से दावेदारों में संजय पाठक, अजय विश्नोई, देव सिंह सैयाम, गौरीशंकर बिसेन, जालम सिंह पटेल हैं। निर्दलीय प्रदीप जायसवाल सरकार के साथ हुए तो इनकी भी लॉटरी खुल सकती है।
विन्ध्य क्षेत्र से भी सिंधिया समर्थक होगा मंत्री
विन्ध्य क्षेत्र में 30 में भाजपा के 24 विधायक हैं। इस क्षेत्र से सिंधिया समर्थकों में अनूपपुर से विसाहूलाल सिंह का मंत्री बनाए जा सकते है। भाजपा खेमे से नागेन्द्र सिंह नागौद, राजेन्द्र शुक्ला, गिरीश गौतम, नागेन्द्र सिंह गुढ़, केदारनाथ शुक्ल, जय सिंह मरावी, मीना सिंह और नारायण त्रिपाठी, राम लल्लू वैश्य दावेदार हैं। यहां से तीन विधायकों को शामिल करने की संभावना अधिक है।
बीजेपी का अंतर कलह मध्यप्रदेश के भविष्य को निगल रहा -जीतू पटवारी मिनी मंत्रिमंडल के शपथ समारोह के बाद कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहां की एक महीने बाद भी बीजेपी का अंतर कलह मध्य प्रदेश के भविष्य को निगल रहा है। 29 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन किया गया तो सिर्फ पांच मंत्री को शपथ दिलाई गई 25 को क्यों नहीं बनाया गया। 1 महीने के बाद भी बीजेपी का अंतर कलह मध्यप्रदेश के भविष्य को निगल रहा है मुझे आज पता चला कि पंडित जो नेता प्रतिपक्ष भी रहे गोपाल भार्गव उनकी वरिष्ठता और उनकी अयोग्यता इतनी बड़ी थी कि उनको जगह नहीं मिली वह पहले ऐसे नेता प्रतिपक्ष होंगे जिन्हे मंत्री नहीं बनाया गया और साथ ही साथ हमारे जो परिवार के लोग कराना को लेकर महा ज्ञान देते हैं उसकी कितनी धज्जियां उड़ाई एक भी बिना मास्क के शपथ होना आपस में मिलना फोटो सेशन कराना नरेंद्र मोदी के लाक डाउन को गालियां देना। कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले विधायकों के ऊपर हमला करते हुए कहा कि बिकाऊ जितने भी थे खासकर एक महिला मंत्री ने कहा था कि मैं कुएं में कूद जाऊंगी, कृपया अभी कुएं में मत कूदना अभी समय आएगा इसके अलावा भी आपको कुछ करना पड़ेगा। मैं मानता हूं की मध्य प्रदेश के साथ धोखा, इस कोरोना के महा दौर में सिर्फ पांच मंत्रियों को बनाना यह शिवराज सिंह के पंगू होने का सबूत है।