Political battle of Raja Maharaja : राजा और महाराजा की लड़ाई कोई नई नहीं है बल्कि यह 18वीं सदी से चली आ रही है सिंधिया राजपरिवार और राघव गढ़ रियासत के विधि युद्ध भी हो चुका है। 90 के दशक में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया और दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री के दावेदार थे लेकिन राजा दिग्विजय सिंह ने बाजी जीत ली थी।
Political battle of Raja Maharaja : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों एक दूसरे के घोर विरोधी है। दोनों एक दूसरे पर हमलावर रहते हैं। लेकिन सियासी नजरिए से देखा जाए तो राजा हमेशा से ही महाराजा पर भारी साबित होते हैं। अब एक बार फिर राजा ने महाराजा को बड़ा झटका दिया है। दरअसल अशोकनगर जिले के मुंगावली में भाजपा के कद्दावर नेता यादवेंद्र यादव ने भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। उनके साथ बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली है। भोपाल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इन्हें कांग्रेस में शामिल किया।
गौरतलब है कि अशोकनगर जिले के कद्दावर नेता यादवेंद्र यादव को कांग्रेस में लाने में दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह व सचिन यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। हालांकि कहा जाता है कि यह सब राजा दिग्विजय सिंह के इशारे पर हुआ है। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में नेता यादवेंद्र यादव ने आस्था जताकर कांग्रेस की सदस्यता ली। इस मौके पर जयवर्धन सिंह, अरुण यादव, गोपाल सिंह, दिग्गी राजा सहित कई नेता मौजूद रहे। इस दौरान यादवेंद्र यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी उपेक्षा होने लगी थी। उनके साथ सौतेला व्यवहार और भेदभाव हो रहा था। इसी के साथ उन्होंने कहा कि अशोकनगर में बीजेपी नेता और जनप्रतिनिधि अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की जमीनों पर कब्जा कर एक बड़े भूभाग में कालोनी काटने की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा नेताओं का यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। उनके करनी और कथनी में बड़ा फर्क है।
बता दें कि यादवेंद्र यादव अशोकनगर जिला पंचायत सदस्य है उनकी माता जी और धर्मपत्नी भी जिला पंचायत सदस्य हैं। इस लोकसभा सीट में श्री यादव बड़े जनाधार वाले नेता हैं और इनकी वोटरों में अच्छी पकड़ है। यादवेंद्र सिंह के पिता राव देशराज सिंह तीन बार भाजपा से विधायक रहे हैं और दो बार भाजपा से ही लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनके कांग्रेस में आने से गुना लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। इससे गुना,अशोकनगर भिंड और ग्वालियर में भारतीय जनता पार्टी को भारी नुकसान होने की संभावना है। यह घटनाक्रम ग्वालियर चंबल इलाके में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा असर डालेगा। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। चुनाव के पहले इस सियासी शतरंज की बिसात राजा ने चल दी है। देखना यह है कि महाराजा इसका कैसे जवाब देते हैं।