Puncture Proof : (Manoj Kumar)नए ट्यूबलेस टायर सीलेंट तकनीक के साथ आते हैं , जो पंक्चर को सील कर देते हैं और टायर को डिफ्लेक्ट होने से रोकते हैं, जिससे रेंज वास्तव में सेल्फ-हीलिंग टायर बन जाती (becomes a self-healing tire)है। सीलेंट नेल होल को तुरंत सील कर देता है जिससे पंचर होने का कोई चांस ही नहीं (no chance of puncture)होता और कर यूजर्स के लिए कार का इस्तेमाल करना और भी ज्यादा आसान और आनंदमय (easier and more enjoyable) हो गया है
Puncture Proof : पहले की कारों में पंक्चर ज्यादा होते थे। लेकिन बाद में टायर उद्योग इतना बढ़ गया कि अब ट्यूबलेस टायर के अलावा सेल्फ हीलिंग टायर भी आ रहे हैं। इसका मतलब है कि रोड ट्रिप का मजा खराब होना अब नामुमकिन है। इस खबर के जरिए हम आपको बताएंगे कि टायर उद्योग और पंचर प्रूफ टायर पहले से कितने उन्नत हो चुके हैं पहले जब हम किसी भी ट्रिप पर जाते थे तो हमे टायर की टेंशन लगी रहती थी की को रास्ते में टायर पंचर न हो जाए और सबसे बड़ा दर यह होता था की टायर कही ऐसी जगह पंचर न हो जाए जहां आस -पास कोई पंचर रिपेयरिंग की दुकान (shop) न हो
पंचर प्रूफ टायर कैसे काम करते हैं?
गाड़ी चलाते समय यदि अचानक कोई कील टायर में चुभ जाती है और कार पंक्चर हो जाती है तो पंचर प्रूफ टायर पंचर वाली जगह पर अपने आप सीलेंट सामग्री की एक परत छोड़ देता है, जिससे छेद अपने आप भर जाता है. यह निकास हवा को तुरंत बंद करने में मदद करता है. नए ट्यूबलेस टायर सीलेंट तकनीक के साथ आते हैं, जो पंक्चर को सील कर देता है और टायर को खराब होने से रोकता है, जिससे रेंज वास्तव में सेल्फ-हीलिंग टायर बन जाती है. सीलेंट नेल होल को तुरंत सील कर देता है.. जिससे टायर खराब नही होता है और लंबे समय तक चलता रहता है, इसमें सैल्फ – हीलिंग पॉवर होती है इसलिए इसे सेल्फ डिपेंडेंट भी कहा जा सकता है Puncture Proof
ये टायर कितने बेहतरीन हैं
जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष अनुज कथूरिया का कहना है कि ‘पैच गार्ड टायर’ भारतीय सड़कों के लिए सबसे अच्छे हैं. पंचर होल्स से हवा के रिसाव को कम करने के अलावा, यह तकनीक टायर के जीवन चक्र में भी सुधार करती है. सुरक्षा के अलावा ये टायर पंचर की दुकानों की जरूरत को खत्म करते हैं और रखरखाव के खर्च को कम करके वाहन मालिकों के पैसे भी बचाते हैं. इन टायरों की कीमतें भी बजट के अंदर हैं, ताकि आम ग्राहक भी इनका लुत्फ उठा सकें वहां मालिकों की टायर को लेकर चिंता दूर करने के अलावा यह उनके बजट को भी बनाए रखता है. इस पंचर प्रूफ टायर के ए जाने से अब वाहनों का इस्तेमाल करना और भी आसान और मजेदार हो गया है Puncture Proof
टायर उद्योग कितना उन्नत है?
अनुज कथूरिया का कहना है कि नवीनतम तकनीक को अपनाने और तकनीक आधारित नवाचार पर बढ़ते जोर के कारण भारतीय टायर उद्योग वर्तमान में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. यही कारण है कि उद्योग न केवल भारत में बढ़ती उपभोक्ता जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, बल्कि दुनिया के लिए टायर प्रदाता बनने का भी लक्ष्य बना रहा है. विस्तार और लाभप्रदता के साथ-साथ, ऊर्जा दक्षता, कम कार्बन उत्सर्जन और स्थिरता ने हाल के वर्षों में अधिक महत्व प्राप्त किया है और इसे हर व्यावसायिक रणनीति में एकीकृत किया जा रहा है उद्योग द्वारा पूरे दुनिया को सेल्फ – हीलिंग टायर प्रदान करने की कोशिश की जा रही है, जिससे वाहन यूजर्स को टायर से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े
परिणामस्वरूप, ‘ग्रीन टायर्स’ की अवधारणा दिन-ब-दिन उभरती और विकसित होती जा रही है. बेकार टायरों के लिए एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (ईपीआर) नियमों का पालन करते हुए टायरों के निर्माण में रिसाइकिल योग्य सामग्रियों का उपयोग करना आज एक प्राथमिकता बन गया है. यह आने वाले वर्षों में टायरों की ‘स्टार रेटिंग’ या ‘लेबलिंग’ का मार्ग प्रशस्त करेगा. नतीजतन, इस श्रेणी के टायर लगातार विकसित हो रहे हैं. वे आज प्रदर्शन, माइलेज, ईंधन दक्षता में सुधार के लिए कम रोलिंग प्रतिरोध, एआईएस 142 वेट ग्रिप, ड्राई ग्रिप, शोर स्तर आदि की पेशकश कर रहे हैं आज भारत उन देशों में से एक है जो किसी भी प्रकार और आकार के टायरों के निर्माण करने में आत्मनिर्भर है. टायर के निर्माता उन्नत टायर विकसित करने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं, जैसे कि सेल्फ इन्फ्लेटिंग, चिप एंबेडेड, मल्टी चैंबर, ऑल-इन-वन टायर आदि. जिससे वाहन चालकों के वाहन इस्तेमाल में और भी सुविधा हुआ है Puncture Proof