इंदौर । शुक्रवार को विश्व के सबसे ताकतवर देश अमेरिका की सबसे बड़ी एजेंसी FBI की लीगल टीम के दो अधिकारी इंदौर (indore) पहुंचे। एक महिला व एक पुरुष अधिकारी टीम में शामिल है जिन्होंने इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारि मिश्र से कमिश्नर कार्यालय के साथ एक मीटिंग की। मीटिंग के दौरान अमेरिकी एजेंसी ने इंदौर पुलिस को धन्यवाद भी कहा। आपको बता दें कि डेढ़ साल पहले इंदौर की विजय नगर और लसूड़िया पुलिस ने इंटरनेशनल कॉल के जरिये धोखाधड़ी करने वाले करीब 23 लोगों को गिरफ्तार किया था.
आरोपी इंदौर में कॉल सेंटर के जरिये खुद को अमेरिकी सिक्योरिटी कार्ड विभाग का अफसर बताते थे और ड्रग्स ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, एंटी नेशनल एक्टिविटी केस हाथ में होने के नाम पर लोगों से रुपये वसूल लेते थे. 100 से अधिक अमेरिकी नागरिकों ने दूतावास में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी. क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए करीब डेढ़ साल पहले करीब 23 लोगों को गिरफ्तार किया. डीसीपी क्राइम निमिश अग्रवाल के अनुसार एक आरोपी करन भट्ट है अभी भी फरार है. कॉल सेंटर का मैनेजर जोशी फ्रांसीसी की कस्टडी के दौरान कोविड से हॉस्पिटल में मौत हो चुकी है.
बता दे कि इंदौर पुलिस को कुछ महीने पहले एक बड़ी सफलता हाथ लगी थी और पुलिस ने स्वयं संज्ञान लेते हुए ऑनलाइन ठगी के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान पता चला था कि ठगी करने वाला गिरोह नई तकनीकी का उपयोग कर अमेरिकी नागरिकों के सीनियर सिटीजन से करोड़ों रुपए की ठगी किए थे मामले का खुलासा होने के बाद इंदौर पुलिस ने अमेरिकन पुलिस और एफबीआई से संपर्क कर पूरी जानकारी दी थी। वही वहां रहने वाले कई नागरिकों की रकम वापस दिलवाई साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई कर उन्हें जेल भेज दिया। इधर, इस मामले के उजागर होने के बाद इंदौर पुलिस और एफबीआई के बीच सतत संपर्क बना रहा वही शुक्रवार को ऑनलाइन ठगी के जांच को लेकर एफबीआई की लीगल टीम के अधिकारियों व इंदौर पुलिस कमिश्नर बैठक कर ठगी मामले में कई बिंदुओं पर चर्चा की।
इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारि मिश्र ने बताया कि इंदौर पुलिस को बीते साल एक शिकायत मिली थी कि कुछ लोगो द्वारा व्यापक स्तर पर ठगी कर रहे है। जिसके बाद इन्वेस्टिगेशन में पुलिस को पता चला कि इंदौर का फ्रॉड गिरोह विदेश में बैठे लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे। आरोपियों द्वारा विदेशी सोशल सिक्युरिटी नम्बर के आधार पर स्थानीय लोगो को साफ्टवेयर और तकनीक के इस्तेमाल के जरिये भरोसा दिला देते थे कि वो उनके देश के ही नागरिक है।इसके बाद वो कॉल स्प्यूटिंग का सहारा लेकर लोगो के साथ ठगी करते थे। इस गैंग का खुलासा 6 माह पहले इंदौर पुलिस ने किया था और अधिकतर पीड़ित अमेरिका से थे। वही इस मामले में खास बात ये रही कि इसमें अमेरिका से कोई शिकायतकर्ता नही था और पुलिस ने जानकारी जुटाकर कार्रवाई की है। एक घण्टे चली मीटिंग के दौरान गिरोह के फ्रॉड करने के तरीकों सहित अन्य कानूनी पहलुओं पर चर्चा की जानकारी सामने आई है वही एबीआई की लीगल टीम के हेड ने इंदौर पुलिस को धन्यवाद कहते हुए आभार जताया है ।