बैतूल- मध्य प्रदेश के बैतूल में स्थित सोलर विलेज बांचा जिसकी पहचान पूरी दुनिया में हुई है उसे देखने के लिए मध्य प्रदेश के 23 वें राज्यपाल मंगू भाई छगन भाई पटेल मंगलवार को बाँचा पहुंचेंगे । दरअसल यह गांव दुनिया का पहला सोलर गांव है, जहां किसी भी घर में चूल्हे पर खाना नहीं बनता है। गांव के लोग अब जलावन लाने के लिए जंगल नहीं जाते हैं। यहां हर घर में इंडक्शन पर खाना बनता है। जिसके लिए लोग बिजली का प्रयोग नहीं करते।
राज्यपाल मंगू भाई छगनभाई पटेल सड़क मार्ग से होते हुए दोपहर 12 बजे के लगभग बांचा गांव पहुंचेंगे । इस गांव की पहचान सोलर विलेज के रूप में होती है । यहां के सभी घरों में सोलर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का उपयोग होता है इसके अलावा इस गांव में ग्रामीणों ने साफ सफाई के साथ सभी घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए हैं जिससे इस गांव में कभी पानी की समस्या नहीं होती है ।
बताया जा रहा है कि राज्यपाल मंगू भाई छगन भाई पटेल आदर्श गांव बांचा के आदिवासी के घर पर खाना खाएंगे। इसके अलावा शासन की योजनाओं से लाभान्वित हुए हितग्राहियों से मुलाकात करेंगे । ग्रामीण कैसे सोलर ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं और घरों को धुंआ रहित बनाया है इसके साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम देखेंगे। महिला समूह और ग्रामीणों से संवाद करेंगे साथ ही इस गांव में वृक्षारोपण भी करेंगे ।
सौर ऊर्जा से रौशन है गांव
बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में स्थित बाचा गांव की पहचान पूरे इलाके में एक खास वजह है। पर्यावरण दिवस के मौके पर इस गांव की चर्चा पूरे देश में हो रही है। क्योंकि यह गांव भारत के अन्य गांवों से अलग है। यहां बल्ब जलते हैं, पंखा चलता है, टीवी चलता है लेकिन ये सब बिजली से नहीं सौर उर्जा से होता है। आईआईटी मुंबई ने इस गांव को सोलर विलेज बनाया है।