मुरैना: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है. यहां 70 साल के राधे को अपनी 95 साल की मां को कंधे पर ही लेकर 4 किलोमीटर तक जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. राधे ने बताया कि अस्पताल से उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिली इसलिए वह दोपहर की तेज धूप में वीरान सड़क पर अपनी मां को कंधे पर बिठाकर 4 किलोमीटर पैदल चले. फिर एसडीएम को बात पता चली तो उन्होंने अपनी गाड़ी से दोनों को उनके घर तक पहुंचवाया. दिल को छू लेने वाली इस घटना से स्वास्थ्य महकमा का दिल बिल्कुल भी नहीं पसीजता,कभी कभी महकमे वाले और जिम्मेदार भूल जाते हे की नियम इंसानों के लिए बनाये जाते है,अगर किसी नियम की वजह से इंसान की जान संकट में आये तो ऐसे नियम के पालन करने का भी कोई फायदा नहीं।
अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस
राधे की 95 वर्षीय मां गिर गई थीं. इससे उनको गंभीर चोट लग गई थी. राधे अपनी मां को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे. राधे की बुजुर्ग मां को 12 टांके लगे. जब उनको घर ले जाने की बारी आई तो राधे को एंबुलेंस नहीं मिली. अस्पताल के एंबुलेंस वाले ने राधे की मां को यह कहकर ले जाने से मना कर दिया कि ये मरीज को लाने के लिए है, घर छोड़ने के लिए नहीं. लॉकडाउन के कारण जब राधे को कोई साधन नहीं मिला तो वह श्रवण कुमार की तरह अपनी मां को कंधे पर बिठाकर पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े.
एसडीएम ने अपनी गाड़ी से पहुंचवाया घर
राधे को अपनी मां को कंधे पर ढोता देख कुछ मीडिया कर्मियों ने इसकी शिकायत जिला अस्पताल के अधिकारियों से की. लेकिन वहां से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. इसके बाद बात एसडीएम साहब तक सारी जानकारी पहुंची तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया. एसडीएम ने खुद अपनी गाड़ी भेजकर राधे और उनकी मां को घर तक पहुंचवाया. इस पूरे मामले पर जिला कलेक्टर प्रियंका दास ने जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.
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