पटवारी,कानूनगो,तहसीलदार के संरक्षण में चल रहा काम,देवसर जियाबन के पूर्वाबसी गांव में अधिग्रहित रेलवे की जमीन मे मकान का हो रहा निर्माण,
अनुरोध शुक्ला- विन्ध्य न्यूज़- प्रतिनिधि-देवसर
सिंगरौली -#रेलवे की ललितपुर सिंगरौली डबल लाइन के लिए की गई अधिग्रहित जमीन में इन दिनों अवैध निर्माण का काम जोर शोर से चल रहा है। गांव सहित देशभर के लोग इस अधिग्रहण की गई जमीन में करोड़ों रुपए लगा दिए हैं और कुछ अभी भी लगा रहे हैं। इस अवैध निर्माण से रेलवे विभाग करोड़ों रुपए का चूना लगेगा यह सब प्रशासनिक मातहतों की संरक्षण में फल फूल रहा है। अवैध निर्माण में पटवारी कानूनगो,तहसीलदार की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है वजह है कि रेलवे विभाग द्वारा भूमि का अधिग्रहण,कब्जा,और संपत्ति का मूल्य का आकलन भी इन्हीं जिम्मेदार अधिकारियों के कंधों पर है।
यह है मामला
ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के लिए अधिग्रहित जमीन में भू स्वामियों की परिसंपत्तियों गजट नोटिफिकेशन हो चुका है साथ ही आपत्ती अभी ली जा चुकी है, बताया तो यहां तक जा रहा है कि जून में अवार्ड भी होना निश्चित हो गया था। इसी बीच वैश्विक महामारी कोरोनावायरस का संक्रमण फैल तो सारे काम थम गए और शुरू हो गया रेलवे अधिग्रहित जमीन पर मकान बनाने का अवैध कब्जा फिर क्या था देखते ही देखते वह हजारों की संख्या में अवैध मकान का निर्माण हो गया। इसकी एक वजह यह भी थी कि #पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर मंडल में रेलवे का प्रतिनिधि व कार्यालय न होने के कारण सुनवाई नहीं होती।लिहाजा, रेलवे अधिकारी के आने तक इंतजार करना पड़ता है। जिससे अनावश्यक समय बर्बाद होता है। सीधी सांसद रीति पाठक ने पत्र लिखकर इस संबंध में रेलमंत्री को भी अवगत कराया था, जिसके बाद तय किय गया कि प्रत्येक मंगलवार को रेलवे का प्रतिनिधि सीधी आकर जिला प्रशासन से कार्य के प्रगति की जानकारी लेगा और आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए सकारात्मक प्रयास करेगा। फिलहाल अवैध निर्माण इसी जमीन पर हुआ है। जब मुआवजा बांटने का समय आया तो इस जमीन के मालिको ने या तो स्वयं या फिर किसी और से सांठगांठ कर अवैध मकान का निर्माण करा रहे हैं। इस अवैध निर्माण की जानकारी रेलवे विभाग को नहीं है या फिर इस पूरे खेल में रेलवे विभाग के अधिकारी भी शामिल नहीं है इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता।
इन गांवों में हो रहा अवैध निर्माण
रेलवे अधिग्रहित गांवों में अवैध मकान निर्माण भी बेदस्तूर जारी है। झोको, ढो़गा, सहुआर, हर्रा चंदेल, खोखा, पुरवा,लिल्लहरा,गिधेर,आमो,बड़ोखर गावों में हजारों की संख्या में घर बन गए हैं, इस व्यापक पैमाने पर हो रहे अवैध मकान निर्माण में राजस्व विभाग के कई अधिकारियों की भूमिका बताई जा रही है।