सतना — शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं सतना की जनता भी प्रसन्न हो रही है कि अब हमें स्मार्ट सिटी के नागरिक कहलाएंगे लेकिन वास्तविकता इसके एकदम विपरीत है नगर निगम के इंजीनियरों के साथ-साथ स्मार्ट सिटी कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों की शान शौकत और उच्च स्तरीय सुविधाओं पर यह पैसा खर्च किया जा रहा है।
देश प्रदेश की जनता से टैक्स के रूप में वसूला जाता है आलीशान आधुनिक वातानुकूलित भवनों और लग्जरी गाड़ियों में सफर करने वाले ये इंजीनियर किसी राजा के से कम नजर नहीं आते जैसे पूर्व जो चल चित्र फिल्मों में दिखाए जाते हैं कि राज्य का राजा आलीशान जिंदगी बिताता है और राज्य की प्रजा नगें बदन हाथ जोडे अभाव में जीती है। यदि आपको भी कभी सतना के संयुक्त कलेक्ट्रेट कैंपस मे जाने का अवसर प्राप्त हो तो स्मार्ट सिटी के भव्य कार्यालय के पश्चिम दिशा की सड़क अवश्य देखिएगा । इस सड़क पर चलने वाले व्यक्ति को साक्षात ऐसा लगेगा जैसे सड़क के ऊपर मखमल का गद्दा बिछा है। इस पर चलते रहें ऐसी सुंदर सड़क विश्व में कहीं नहीं होगी।