सिंगरौली फरवरी। संत रविदास जी के जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में खाद्य औषधि विभाग की लापरवाही का भण्डाफोड़ हो गया। सांसद के कड़े तेवर के बाद खाद्य औषधि निरीक्षक की अचानक नींद खुल गयी, लेकिन अभी भी पेय पदार्थ दुकानों पर दबिश देने से कतरा रहे हैं। वहीं खाद्य औषधि निरीक्षक पर कुछ खाद्य पदार्थ से जुड़े व्यापारियों ने गंभीर आरोप भी मढ़ा है। हालांकि खाद्य औषधि निरीक्षक ने बेबुनियाद बताया है।
दरअसल कलेक्टोरेट परिसर में पिछले दिनों संत रविदास की जयंती आयोजन के दौरान उपस्थित अतिथियों एवं गणमान्य नागरिकों को एक्सपायरी डेट का बिसलरी पानी पिला दिया गया था। पानी पीते ही जैसे ही अजीब लगने लगा सांसद रीती पाठक की नजर बिसलरी बाटल के डेट पर गयी। जहां जून 2021 का एक्सपायरी डेट उल्लेख था। उन्होंने तत्काल सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को तलब कर इस लापरवाही पर कड़ी नसीहत देते हुए कलेक्टर की ओर इशारा कर दिया था। आनन-फानन में एक्सपायरी डेट के बिसलरी बाटल का पानी बदल दिया गया। साथ ही कलेक्टर एवं तहसीलदार के निर्देश पर खाद्य औषधि विभाग के निरीक्षक ने दुकान को चार दिनों के लिए सील कर दिया था। किन्तु अब अपनी ही कार्रवाई में खाद्य औषधि विभाग घिरता नजर आ रहा है।
आलम यह है कि जिले के बाजारों में कई जगह यहां तक की जिला मुख्यालय में भी एक्सपायरी डेट के पेय पदार्थ बिसलरी पानी, आइसक्रीम, चिप्स, कुरकुरे, नमकीन सहित अन्य खाद्य पदार्थ धड़ल्ले से बिक रहा है। बावजूद इसके खाद्य औषधि विभाग की नजर इन दुकानों पर नहीं पड़ रही है।आरोप लगाया जा रहा है कि कलेक्टर के प्रगति समीक्षा के दौरान जब खाद्य औषधि निरीक्षक को लगता है कि कार्रवाईयां कम हुई हैं फटकार मिल सकती हैं। इससे बचने के लिए खानापूर्ति के नाम पर कार्रवाईयां की जाकर वाहवाही लूटी जा रही है। हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया है कि जिले में अब तक 240 विभिन्न सेम्पल जिसमें मिठाईयां सहित अन्य खाद्य सामग्री शामिल है। उन्होंने दबी जुबान में स्वीकार भी किया है कि अभी तक पानी पाउच व बिसलरी बाटलों की जांच नहीं की जा सकी है। गर्मी महीना शुरू होते ही पानी पाउच व बिसलरी बाटलो की जांच की जावेगी।
निरीक्षक पर उगाही बगाही का आरोप
खाद्य औषधि निरीक्षक पर कार्रवाई के आड़ में उगाही बगाही का भी आरोप लगने लगा है। व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खाद्य औषधि निरीक्षक जब खाद्य पदार्थों का सेम्पल लेते हैं उस दौरान उनके साथ अन्य लोगबाग भी नजर आते हैं और कार्रवाई से बचने के लिए उगाही बगाही शुरू कर देते हैं। आगे बताया कि पहले इस तरह का सिस्टम नहीं था, लेकिन कुछ दिनों से व्यापारियों को हिदायत दी जाती है। व्यापारियों ने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ऐसे उगाही बगाही पर अंकुश लगाये जाने की मांग की है।
पेय पदार्थों का सेम्पल लेने से परहेज क्यों?
संत रविदास जयंती के आयोजित कार्यक्रम में खाद्य औषधि विभाग की लापरवाही का भण्डाफोड़ होने के बाद अधिकारियों की भी नींद खुल गयी। यदि सांसद की नजर एक्सपायरी डेट के बिसलरी बाटल पर न पड़ती तो शायद उक्त विभाग का पोल न खुलता। एक्सपायरी डेट पेय पदार्थ आज से नहीं कई सालों से बिक रहा है मजाल क्या है कि संबंधित विभाग का अमला इनका सेम्पल ले। ऐसे दुकानदारों पर खाद्य औषधि विभाग दया दृष्टि क्यों दिखा रहा है? यह बात लोगों के गले से नहीं उतर रही है। वहीं खाद्य औषधि निरीक्षक की कार्यप्रणाली भी सवालों के कटघरे में है।
इनका कहना है
जिले में अभी तक 240 सेम्पल लिये जाकर जांच के लिए भेजे गये हैं। पानी पाउच एवं बिसलरी बॉटलों की जांच अभी नहीं की गयी है। कल दुकान को सील कर दिया गया है। साथ ही गर्मी का मौसम आते ही पानी पाउच एवं बिसलरी बॉटल रखने वाले दुकानदारों के यहां जांच की जायेगी। मेरे ऊपर जो आरोप लगाया जा रहा है वह पूरी तरह से बेबुनियाद है। कार्रवाई करने के कारण ऐसे आरोप लगाये जा रहे हैं।
ओपी साहू
निरीक्षक,खाद्य औषधि विभाग सिंगरौली