सतना – जिले की रैगांव विधानसभा की सीट जो बीजेपी की सुरक्षित सीट मानी जाती थी। भाजपा उम्मीदवार को जिताने के लिए बीजेपी ने मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया था।बीजेपी कैंडिडेट प्रतिमा बागरी को जिताने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान 6 बार यहां आए. साथ ही 24 सभाएं की हैं. इतना ही नहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, नरोत्तम मिश्रा, यूपी के डेप्युटी सीएम केशव मौर्य ने भी चुनावी सभा की थी जबकि एक दर्जन से भाजपा विधायक वहां 15 दिन से डेरा डाले हुए थे बावजूद इसके बीजेपी उम्मीदवार को चुनाव नहीं जीता सके। कहा यह भी जा रहा है कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया था। अजय सिंह कांग्रेस उम्मीदवार को चुनाव जीता कर पार्टी को अपनी ताकत दिखाना चाहते थे।
भाजपा को बड़ी उम्मीद थी कि रैगांव बीजेपी की सुरक्षित सीट है विजय श्री उन्हीं की होगी। इस बात की पूरी उम्मीद थी कि रैगांव की सीट बीजेपी ही जीतेगी इसी कारण मुख्यमंत्री इस सीट की क्रेडिट स्वयं अपने खाते मे लेने के लिए एक उप चुनाव प्रचार में अनेकों बार सतना आए।सीएम सोचते थे कि मैंने घोषणा कर दी और दौरा किया अब जनता मेरे ऊपर भरोसा कर बीजेपी को ही अपना वोट देगी लेकिन अब चुनाव में हार हो जाने पर मुख्यमंत्री स्थानीय नेताओं पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि यह चुनाव सांसद गणेश सिंह व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के बीच अहम मुकाबला माना जा रहा है जिसमें अजय सिंह राहुल की जीत हुई है।
सांसद गणेश सिंह भी बने वजह
मुख्यमंत्री के नजदीकी लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री जी ने पार्टी में कहा था कि सतना के सांसद को ज्यादा महत्व मत दीजिए उनको भी सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करने दीजिए और भी भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ सतना के भाजपा विधायकों को भी तवज्जो मिलना चाहिए परंतु सतना सांसद को ज्यादा महत्व मिलने के कारण अन्य लोगों ने अपने पूरे उत्साह से काम नहीं किया इसी का परिणाम है की रैगांव क्षेत्र जो भाजपा की सुरक्षित सीट मानी जाती थी हाथ से निकल गई। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इन दिनों सांसद गणेश सिंह का पार्टी में विरोधियों की संख्या ज्यादा है इसी का नतीजा है कि भाजपा यह उपचुनाव हार गई।
जुगुल किशोर बागरी परिवार को टिकट नहीं देना पड़ा भारी
मुख्यमंत्री जी के नजदीकी लोगों का कहना है कि अब अगले विधानसभा चुनाव के समय जिले के समस्त कार्यकर्ताओं और नेताओं की सहमति से ही टिकट वितरण किया जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सांसद महोदय के कहने पर ही प्रतिमा बागरी को उम्मीदवार बनाया गया था जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता जो जुगुल बागरी के परिवार के किसी सदस्य को बीजेपी का उम्मीदवार बनाना चाहते थे। अब इस हार का ठीकरा भी नेताओं द्वारा सांसद गणेश सिंह के सिर पर फोड़ा जा रहा है जो उचित नहीं है अगर भाजपा उम्मीदवार जीत जाती तो मुख्यमंत्री उसका क्रेडिट अपने खाते में डाल दें और अब उम्मीदवार हार गई तो दूसरों के गले मढ रहे हैं।
गणेश सिंह और अजय सिहं राहुल के बीच मुकाबला
रैगांव विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रतिभा बागरी व कांग्रेश उम्मीदवार कल्पना बर्मा के बीच मुकाबला था लेकिन राजनीतिक जानकार इससे कम ही इत्तेफाक रखते हैं कहा जाता है कि यह चुनाव सांसद गणेश सिंह कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के बीच अहम मुकाबला रहा है अजय सिंह राहुल चुरहट विधानसभा व सीधी सिंगरौली लोकसभा चुनाव हारने के बाद यह उनके प्रतिष्ठा का चुनाव बना हुआ था कहते हैं यह भी है कि अजय सिंह राहुल भले ही सतना चुनाव हार गए हैं लेकिन यह वह नेता है कि खुद तो चुनाव नहीं जीत सकते लेकिन जिस किसी दूसरे को चुनाव जीतने की ठान लेते हैं उसे जीता कर ही जाते हैं रैगांव विधानसभा में भी कुछ यही हुआ कल्पना वर्मा को जिताने के लिए अजय सिंह राहुल ने कमाल संभाल ली जबकि प्रतिभा बागरी को जिताने के लिए गणेश सिंह लग गए जिसमें राहुल भइया की जीत हुई।