देवास — जिले के सोनकच्छ नगर में स्वास्थ्य विभाग का अमानवीय चेहरा देखने को मिला है यहां 21 वर्षीय एक व्यक्ति के शव को सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कचरा वाहन में डालकर अंतिम संस्कार के लिए ले लाया गया। इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने एक स्वास्थ्य अधिकारी को निलंबित कर दिया है और तीन अस्थायी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। यह घटना शनिवार को हुई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस व्यक्ति ने कथित रूप से आत्महत्या की थी।
बता दें कि वीडियो में कर्मचारी एक व्यक्ति के शव को अमानवीय तरीके से खाली कचरा वाहन में फेंककर ले जाते कैमरे में कैद हुए हैं। क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक एवं प्रदेश पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इस मामले में ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, ‘विधायक निधि से 85 लाख रुपये देने के बाद भी सरकार सोनकच्छ में मरीजों के लिए दवाई एवं ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं करा पाई और अब शव भी कचरा वाहन से ढोए जा रहे हैं। लापरवाही की हद तब हो गई जब शव उठाने वाले नगर परिषद के कर्मचारियों के पास कोई सुरक्षा किट भी नहीं थी. इस मामले पर CMO से पूछा गया तो उन्होंने कर्मचारी को पद से हटाने की बात कही. उन्होंने कहा कि साक्ष्यों के आधार पर और भी जांच की जाएगी. सभी दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि रोलू पिपलिया के जंगल में एक युवक का शव नीम के पेड़ पर लटक रहा है. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. जांच में पता चला कि युवक छिंदवाड़ा जिले का है. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सोनकच्छ के स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया. शव की शिनाख्त हो सके इसलिए इस मामले की सूचना छिंदवाड़ा पुलिस को भी दी गई. लेकिन मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई.
लंबा इंतजार करने के बाद भी जब शव के अंतिम संस्कार के लिए कोई नही आया तो स्वास्थ्य केंद्र से शव को दफनाने के लिए भेज दिया गया. यहां शव को ले जाने के लिए शव वाहन नहीं था. इस वजह से उसे कचरा ढोने वाली गाड़ी में ले जाया गया. बता दें, सोनकच्छ में समाजसेवियों की अतिरिक्त परिषद द्वारा शव वाहन किराए पर लिया गया है, लेकिन उसका भी इस्तेमाल नहीं किया गया.
सोनकच्छ नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी रवि भट्ट ने कहा, ‘हमने 18 अप्रैल से अब तक 67 शवों का अंतिम संस्कार किया है, किन्तु स्वास्थ्य प्रभारी की गलती से शव को पहुंचाने के लिए कचरा वाहन भेज दिया गया।’ उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर परिषद के स्वास्थ्य प्रभारी को निलंबित कर दिया गया और सफाई सुपरवाइजर सहित तीन अस्थायी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
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