सतना — श्रमिकों का दर्द क्या होता है यह विस्थापित होने वाला ही समझ सकता है कुछ ऐसा ही कुछ दिनों से सतना जिले के जेपी भिलाई कंपनी से विस्थापित हुए लोग सफर कर रहे हैं श्रमिकों के दर्द को समझते हुए सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर कई दिनों से अनशन पर बैठ गए थे विधायक के अनशन के बाद जेपी प्रबंधन सख्ते में आ गई। आखिरकार जेपी प्रबंधन विधायक के कई मांगों को मांगते हुए अनशन खत्म करवा दिया है। साथी श्रमिकों की सभी मांगों को सशर्त मारने के लिए सहमति दे दी है.
बता दें कि जेपी भिलाई कंपनी से निकाले गए श्रमिकों ने जब अपनी समस्या विधायक को बताई तो विधायक ने श्रमिकों सहित जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे और आमरण अनशन शुरू कर दिया थ लगातार आमरण अनशन के चलते विधायक की तबीयत बिगड़ती चली गई आज दोपहर अचानक विधायक की तबीयत बिगड़ी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा जिला कई दिन तक चले इस संघर्ष के बाद जेपी प्रबंधन ने भी विधायक की बहुत सारी मांगों को मान लिया है जिसके बाद अस्पताल पहुंचकर जिला प्रशासन के लोगों ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा का अनशन समाप्त करवाया।
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