इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक युवक शादीशुदा युवती के प्यार में इस कदर पागल हुआ कि वह हत्यारा बन गया। हत्या किसी और का नहीं बल्कि शादीशुदा औरत के सिक्योरिटी गार्ड पति का। बता दें कि सिक्युरिटी गार्ड रामजी शुक्ला की हत्या में इंजीनियर आशीष विश्वकर्मा और अभिषेक को गिरफ्तार किया है। आशीष रामजी की पत्नी सीता से प्रेम करता था। उसने सीता से शादी करने के लिए रामजी की हत्या करना कबूला है।
खुलासा करते हुए एसपी (पूर्वी) आशुतोष बागरी के मुताबिक 32 वर्षीय रामजी की स्कीम-94 (पिपल्याहाना) स्थित लुमिनस इन्वर्टर कंपनी के कार्यालय में नौकरी रात्रि ड्यूटी थी। 13 मार्च को अज्ञात बदमाश गला रेत कर हत्याकर फरार हो गए। शनिवार रात पुलिस ने अमननगर मुसाखेड़ी निवासी आशीष पुत्र भागचंद विश्वकर्मा और आलोक नगर निवासी अभिषेक कैलाश खांडे को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी के मुताबिक आशीष और रामजी की पत्नी सीता का आठ महीने से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वह उससे शादी करना चाहता था। चार महीने पूर्व सीता ने रामजी को छोड़ने से इन्कार कर दिया। आशीष ने टीवी और अखबारों में विज्ञापन देख उन बंगाली तांत्रिकों से संपर्क किया जो खोया प्यार, मनचाहा प्रेमी/प्रेमिका से मिलाने का दावा करते हैं। उसने रामजी से दूर करने के लिए सीता के फोटो भी भेज दिए। तांत्रिक से मदद न मिलने पर उसने अभिषेक के साथ मिलकर रामजी को रास्ते से हटाने का षड़यंत्र रचा और गला रेत कर हत्या कर दी। हत्या के बाद स्कीम-140 में चाकू फेंक दिए और राजगृही कॉलोनी में टी-शर्ट जला दी।
टीआइ मंजू यादव के मुताबिक पुलिस को इन्वर्टर कार्यालय से दो लोगों के पदचिन्ह मिले थे, जिसमें एक आरोपित नंगे पैर था। शक की सूई इस इमारत में तीसरी मंजिल पर रहने वाले गार्ड पर गई और दोनों को हिरासत में ले लिया। हालांकि पद चिन्ह न मिलने पर दोनों को छोड़ दिया। दो दिन पूर्व पुलिस ने सीता के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो उसमें आशीष के नंबर निकले। हालांकि उस नंबर पर कम ही कॉल हुए थे।
पुलिस ने शक के आधार पर आशीष के नंबर की कॉल डिटेल निकाली तो एक ऐसा नंबर मिला जिससे वह रातभर बातें करता था। पुलिस का शक बढ़ गया और शनिवार शाम पुलिस ने आशीष को बयान के लिए थाने बुलाया। जब संदेही नंबर के बारे में पूछताछ की तो कहा यह नंबर भी सीता का ही है। उससे प्रेम करता है और बातचीत के लिए मोबाइल दे रखा था।
पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ शुरू की तो आशीष टूट गया । आशीष ने हत्या में शामिल होना स्वीकार लिया। कहा घटना के पूर्व वह राजेंद्र नगर क्षेत्र से 100 रुपये में दो चाकू खरीद कर लाया। इसके बाद मुसाखेड़ी में शराब पी और रामजी के पास आया। दोनों में कहासुनी हुई तो रामजी बचने के लिए ऊपर भागा। आरोपितों ने उसे पकड़ लिया और चाकू मार दिए। टीआइ के मुताबिक घटना के दूसरे दिन आशीष रामजी के घर भी गया और शवयात्रा में भी शामिल हुआ था। जिससे किसी को उसके ऊपर शक ना हो।
2 Comments
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