इंदौर : कहते हैं कि यदि मन में दृढ़ संकल्प और कुछ नया करने की चाहत और जज्बा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है कुछ ऐसा ही किया इंदौर के कॉलेज के छात्रों ने जी हां इंदौर के श्री गोविंदराम सेक्सरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस कॉलेज के छात्रों ने एक एक अनोखा और बहुत ही सराहनीय अविष्कार किया है. इन छात्रों ने देश में डीजल पेट्रोल की कमी को देखते हुए इस कार को निर्मित किया है क्योंकि इन छात्रों ने बैटरी से चलने वाली तीन पहियों वाली कार डिजाइन की है। यह कार महज डेढ़ महीने में बनकर तैयार हुई है। इसकी कीमत 1 लाख 20 हजार रुपए है।
फिलहाल तो कार के कमियों और खूबियों की जांच जारी है
डेढ़ महीने में बनकर तैयार हुई इस कार की टेस्टिंग अभी जारी है। क्योंकि जब किसी भी नई चीज का आविष्कार किया जाता है तो उसमें कुछ कमियां रहती है और कुछ खूबियां यदि कमियां है तो उसे चेक करके उन्हें दूर करने की कोशिश की जाती है खूबियों को और बढ़ाने की कोशिश की जाती है और कार की कुछ कमियों को टेस्टिंग से दूर किया जा रहा है। इस कार को स्टूडेंट कॉलेज के डायरेक्टर विंग में रखा जाएगा। कॉलेज निदेशक ने कहा कि इसे कैंपस में ही रखा जाएगा. ताकि दूसरे स्टूडेंट्स को भी दिखाया जा सके अविष्कार इस कॉलेज के स्टूडेंटस ने किया है ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिल सके कि उन्हें भी कुछ नया करना चाहिए
8 छात्र और 2 उत्तीर्ण छात्र ने किया तैयार
बता दें कि इस कार का इस्तेमाल कॉलेज के दो पासआउट छात्र कल्पिश चौधरी और देवांश मंगल के अलावा अक्षत सिन्हा, अमनदीप सिंह, जागृति बोरीले, वंशिका त्रिपाठी, श्रेष्ठ चंद्रा, आयुष गुप्ता, अमित पालीवाल, तनीषा अग्रवाल ने किया था, जो अलग-अलग साल में पढ़ाई कर रहे हैं. कॉलेज ने मिलकर तैयारी की है। छात्रों ने इस कार का नाम ‘केविन’ रखा
कार को स्पेशल बनाने के लिए स्टूडेंट्स इन सारी चीजों का किया है सदुपयोग
इस कार में 36 एमएएच की 48 वॉट की बैटरी है, साथ ही 750 वॉट की मोटर भी है। बाइक ट्यूब सुसज्जित टायरों का प्रयोग किया जाता है। इस कार में पूरा वजन पिछले हिस्से पर पड़ता है। छात्रों का कहना है कि यह कार का बैलेंस बनाए रखता है। इसलिए कार के पलटने का कोई खतरा नहीं है। इस कार में यूटिलिटी बॉक्स भी लगाया गया है। कार में दो सीटें हैं, जिसे छात्रों ने खुद डिजाइन किया है। इससे इमरजेंसी में रोकने के लिए ड्रम ब्रेक लगाए जाते है
कार की हो रही है पूरी तरीके से जांच, जांच में सभी कमियों को किया जाएगा दूर
छात्रों का कहना है कि कार की टेस्टिंग चल रही है। कुछ छोटी-मोटी समस्याएं हैं जिनका समाधान किया जा रहा है। कार पूरी तरह से खुली हुई है, जो अच्छी दृश्यता सुनिश्चित करेगी। स्टीयरिंग भी स्व-डिज़ाइन किया गया है। पूरी कार को कॉलेज कैंपस के अंदर डिजाइन किया गया है। यह कार 180 से 200 किलो वजन उठा सकती है।
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