इंदौर – मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना बेकाबू होता जा रहा हैं। यहां आए दिन रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। हालात ये है कि अस्पतालों में बेड की किल्लत शुरू हो गई हैं। इतना ही नहीं इन सबके बीच अब रेमडेसिविर के इंजेक्शन के लिए भी हाहाकार मच रहा हैं। दुकान पर लिखा है ‘रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टाॅक नहीं हैं। आने पर सबको दवाई मिलेगी। हालात ये है कि एक इंजेक्शन के लिए लोग सुबह से ही लाइन में लग रहे हैं। लोग अपने किसी ना किसी रिश्तेदार को महामारी से बचाने के लिए घंटों धूप में तप रहा हैं। भीड़ इतनी कि धक्का-मुक्की की स्थिति बन रही हैं। ऐसे में हॉस्पिटल के कुछ डॉक्टर्स के चहेते स्टाफ रेमडेसीविर इंजेक्शन को ब्लैक में बेच रहे हैं इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है।
बता दें कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन किसी संजीवनी से कम नहीं है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन एक इंजेक्शन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उनकी जान जा रही है। लेकिन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में यह इंजेक्शन ब्लैक में बेचा जा रहा है। यहां की इंचार्ज सिस्टर का वीडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. अब सवाल यह भी है कि क्या हॉस्पिटल में रेमडेसिविर इंजेक्शन कमी के चलते ब्लैक में बेचना शुरू कर दिए है।
ज़रा गौर से देखिये इसमें एक महिला डॉक्टर के पास खड़ी है। बिस्तर पर दो रेमडेसिविर के पैकेट रखे हुए है। वीडियो बनाने वाला शख्स यह भी कह रहा है कि यदि आप पेशेंट है तो इस तरह से डॉक्टर के पास क्यों खड़ी है। लेकिन महिला कुछ भी बोलने से इनकार करती रही और वीडियो बनता देख वहां से रवाना हो गई। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बने इस वायरल वीडियो में यह भी बताया जा रहा है कि यह महिला इंचार्ज सिस्टर है और इंजेक्शन बेचने का काम कर रही थी।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऊपर खड़े हो रही कई गंभीर सवाल
1. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पूरा कोविड-19 से भरा हुआ है, ऐसे में किसी भी मरीज को अपने वार्ड से निकलने की अनुमति नहीं हैं।
2. यदि अस्पताल के अंदर मरीज के परिजनों को जाने की अनुमति नहीं है तो फिर यह वीडियो बाहर कैसे आया।
3. यदि महिला कोई पेशेंट थी, या अन्य काम से डॉक्टर के पास आई थी तो उसने जवाब क्यों नहीं दिया।
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