उमरिया — बरसात में मछलियों की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्य आखेट प्रतिबंधित किया गया है। प्रतिबंध लगाते हुए जिला प्रशासन के द्वारा सूचना भी प्रकाशित किया गया। इसके बावजूद जिले भर में मछली मारने की होड़ जलाशयों में देखने को मिल रही है और जिम्मेदार बने मूकदर्शक।
उमरिया जिले के उमरार डैम में प्रतिबंध के बाद भी खुले आम सैकड़ों की तादात में मत्स्य व्यवसायी शिकार में जुटे रहते हैं और शाम को मंडी में लाकर बेचते हैं। जिले के कलेक्टर ने 15 जून से 15 अगस्त तक मछलियों का प्रजनन काल होने के चलते मत्स्य आखेट प्रतिबंधित रहने का आदेश जारी किया था लेकिन उनके आदेश का पालन मत्स्य विभाग द्वारा नही कराया जा रहा है। इस मामले में जब जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वर्षा काल प्रजनन काल होता है और मछली मारना प्रतिबंधित है हम फिशरीज अधिकारी को निर्देशित करते हैं, वो नजर रखेंगे।
गौरतलब है कि मत्स्य विभाग के अधिकारियों को अपनी कमाई के अलावा कुछ नजर नही आता है जिसके कारण बाजार में खुले आम मछली बेची जा रही है। ऐसे में आवश्यकता है सख्त कदम उठाने की।