सिंगरौली । सीधी जिले में विवादों में रहने वाले एडिशनल एसपी प्रदीप शेन्डे एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं इस बार सिंगरौली जिले के एक पत्रकार को एसपी कार्यालय में आने से रोकने पर यह विवाद गहराता जा रहा है। दरअसल जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ते देख विवादित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप शेण्डे ने आमजनों के साथ-साथ पत्रकारों को भी दफ्तर में आने जाने से मौखिक तौर पर मना कर दिया है। उन्होंने साफ शब्दों मेें कहा है कि एसपी दफ्तर में किसी को भी आने नहीं दिया जायेगा। हालांकि एएसपी के इस बड़बोलापन पर पुलिस कप्तान टीके विद्यार्थी ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल जिले के रमडिहा गांव में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1 से बढ़कर 7 हो गयी है।
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कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ते देख सुर्खियो में रहने वाले एएसपी ने गुरूवार को एक पत्रकार से साफ शब्दों में कहा कि एसपी दफ्तर में अब किसी को आने नहीं दिया जायेगा। अब जो भी जानकारी होगी फोन व वाट्सअप पर मुहैया करा दी जायेगी। भवन के अंदर किसी को भी आने नहीं दिया जायेगा।
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एसपी दफ्तर के ऑफिस मोहर्रिम को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि पत्रकार पूरे अंचल में घूमते रहते हैं इसलिए इन पर विशेष नजर रखनी पड़ेगी। एएसपी के इस फरमान की जानकारी जब पुलिस कप्तान टीके विद्यार्थी को फोन के माध्यम से दी गयी तो पुलिस कप्तान ने उनके इस कथन पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस संक्रमण काल में पत्रकारों की भूमिका अहम रही है, उनसे इस तरह की दूरी नहीं बना सकते। सावधानी व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सभी को करना है।
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एएसपी के इस फरमान से जहां पत्रकारों में भारी नाराजगी है तो वहीं कई पत्रकारों ने साफ तौर पर कहा है कि पुलिस को अब प्रेस कान्फ्रेंस नहीं बुलानी चाहिए और यदि पुलिस प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित करती भी है तो उनके इस कान्फ्रेंस में दूरी बनाया जाना उचित है।
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एक पत्रकार ने यहां तक कहा कि देश भर से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक सरकारी जॉब में यदि सबसे ज्यादा कोई कोरोना से संक्रमित है तो वह पुलिस है। चूंकि पुलिस अपनी जान जोखिम में रखकर लोगों को बचाने में अपनी पूरी ताकत झोक रही है। साथ ही पुलिस आमजनों के साथ-साथ संदिग्ध व प्रवासी मजदूरों,आरोपी,फरियादियों, रेत कारोबारियों समेत अन्य व्यवसायों से जुड़े लोगों से मेल मुलाकात करती रहती है। ऐसे में हम सबको पुलिस से भी दूरी बनाना उचित होगा। यहां बताते चलें कि एएसपी अपने करतूतों से कहीं न कहीं सुर्खियों में बने रहते हैं। इसका उदाहरण वर्ष 2018 मार्च- अप्रैल महीने में सीधी में पदस्थापना के दौरान अधिवक्ताओं व पत्रकारों पर मारपीट कराये जाने का आरोप है।
4 Comments
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