सिंगरौली 13 मार्च। नगर निगम के अधिकारियों ने अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए कलेक्टर को भी गुमराह करने लगे हैं। केके स्पन कंपनी के 5 करोड़ रूपये की बैंक गारंटी को डेढ़ साल पहले ही रिटर्न करने के बाद ननि के अधिकारी इस बात की खोजबीन करने में लगे हैं कि आखिरकार इसकी भनक मीडिया कर्मियों तक कैसे लगी। फिलहाल अब यह मामला लोकायुक्त पुलिस के यहां पहुंचाने की तैयारी चल रही है।
गौरतलब हो कि नगरीय क्षेत्र सिंगरौली में करीब 100 करोड़ रूपये के अधिक की लागत से सिवरेज पाईप लाईन प्रोजेक्ट की शुरूआत तीन साल पहले शुरू हुई थी। जहां कार्य के शैशव काल में ही सिवरेज पाईप लाईन के संविदाकार केके स्पन कंपनी पर सवाल उठने लगे थे। कार्य की धीमी प्रगति एवं गुणवत्ता को लेकर पक्ष एवं विपक्ष घेर रहा था। पिछले वर्ष अक्टूबर-नवम्बर महीने में कचनी में सिवरेज कार्य के दौरान तीन श्रमिकों की अकाल मौत के बाद कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने उक्त कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने का आश्वासन दिये थे। लेकिन इसके पहले ही नगर निगम के अधिकारियों ने कंपनी पर मेहरबानी दिखाते हुए पिछले वर्ष 2020 के सितम्बर-अक्टूबर महीने में ही 5 करोड़ रूपये की बैंक गारंटी को रिटर्न कर दिया था। सूत्र बताते हैं कि बैंक गारंटी रिटर्न करने का कारण नहीं पता चल पाया लेकिन ननि के अधिकारियों का ठेकेदार से सांठ-गांठ का अब पर्दाफास होने के बाद ननि दफ्तर में इन दिनों हलचलें तेज हैं। 9 मार्च को विन्ध्य न्यूज ने कार्य 32 प्रतिशत बैंक गारंटी 5 करोड़ रिटर्न की खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था ननि के अधिकारी सकते में आ गये।
ननि में चर्चा है कि आखिरकार यह सुराग कहां से लगा। वहीं सुराग देने वाले की पतासाजी जहां की जा रही है। उधर कलेक्टर को भी ननि के अधिकारियों ने गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके काली करतूतों का पर्दाफास न हो इसके लिए पक्ष रखा जा रहा है कि उक्त कंपनी का अभी लाखों रूपये भुगतान बकाया है और 7 करोड़ रकम जमा है। जबकि संविदाकार का यह 7 करोड़ रकम मोबिलाईजेशन का है। सूत्र बताते हैं कि संविदाकार ने कार्य शुरूआती के दौरान ननि से एडवांस लिया था। उसके एवज में यह रकम है। उक्त कंपनी के संविदाकार का बैंक गारंटी अब नहीं है। फिलहाल यह मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। ननि अधिकारियों का संविदाकार पर मेहरबानी की करतूतें लोकायुक्त पुलिस तक शिकायत पहुंचाने की तैयारी शुरू हो गयी है।
5 साल 3 महीने तक वापस नहीं होती बैंक गारंटी
सूत्र बताते हैं कि किसी भी निर्माण कार्य के लिए कार्य पूर्ण होने की अवधि से लेकर 5 साल 3 महीने की बैंक गारंटी लिये जाने का प्रावधान है और इसी के तहत केके स्पन कंपनी ने ननि सिंगरौली के यहां 5 करोड़ रूपये का बैंक गारंटी जमा किया था। हैरानी की बात है कि संविदाकार को ब्लैक लिस्टेड करने के तैयारी के पूर्व करीब डेढ़ साल पहले ही ननि के जिम्मेदार अधिकारियों ने 5 करोड़ रूपये का बैंक गारंटी रिटर्न कर दिया। संविदाकार को बैंक गारंटी वापस करने के पीछे रहस्य क्या है इसका तो जांच करने के बाद ही राज का खुलासा हो सकता है।
जब वापस करना था तो बैंक गारंटी लिया क्यों?
केके स्पन कंपनी ने ननि क्षेत्र के 45 वार्डों मेंं सिवरेज का कार्य शुरू किया लेकिन आरोप है कि कार्य की गति कछुए की चाल एवं गुणवत्ताविहीन होने के बावजूद बैंक गारंटी 5 करोड़ क्यों वापस कर दी गयी? कार्य पूर्ण होने के करीब 5 साल बाद बैंक गारंटी संविदाकार को रिटर्न करने का प्रावधान है। इधर सूत्र बता रहे हैं कि मोबिलाईजेशन की 7 करोड़ रूपये जमा बैंक गारंटी राशि इसी मार्च महीने में एक्सपायर होने वाली है। यदि 7 करोड़ का मोबिलाईजेशन बैंक गारंटी एक्सपायर हुई तो संविदाकार से ननि वसूली कैसे करेगा यह एक बड़ा प्रश्रचिन्ह खड़ा हो रहा है।
इनका कहना है
इस संबंध में ननि अधिकारियों से जानकारी मांगी गयी जहां बताया गया है कि अभी 7 करोड़ रू.एवं लंबित भुगतान ननि के पास संविदाकार का है। यदि लग रहा है कि बैंक गारंटी वापस करने में गड़बड़ी हुई है तो इसकी जांच अवश्य करायी जायेगी।
राजीव रंजन मीना,कलेक्टर,सिंगरौली