सिंगरौली- मध्यप्रदेश काँग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता सीपी शुक्ला ने सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा को सिंगरौली जिले के बेरोजगार युवाओं एवं प्रवासी मजदूरो को स्थानीय कंपनियों में रोजगार दिलाए जाने के लिए कलेक्टर को माँग पत्र दिये है। माँग पत्र मे कहा गया है कि सिंगरौली जिले में कई प्रतिष्ठित छोटी और बड़ी कंपनियां कार्यरत है । नोबेल कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण जिले के शिक्षित बेरोजगार युवा रोजगार के अभाव में परेशान है आय का कोई स्रोत नहीं है। जिसके कारण युवाओं को सिंगरौली जिले में कार्यरत कंपनियों में प्राथमिकता के आधार पर तत्काल कार्य दिलाए जाना उचित होगा सिंगरौली जिले में एनटीपीसी , एनसीएल, रिलायंस, हिंडालको , एस्सार, जेपी पावर समेत कई कंपनियां कार्यरत हैं किंतु सिंगरौली जिले के नाम मात्र लोग ही इन कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं कोविड-19 महामारी के कारण सिंगरौली जिले के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर इन कंपनियों में कार्यरत संविदाकारो के यहां नौकरी दिलाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की है।
श्री शुक्ला ने कहां कि पूर्व मे काँग्रेस कि कमलनाथ सरकार ने स्थानीय कंपनियो मे 70% स्थानीय लोगो को नौकरी पर रखने का आदेश जारी किया था जिसका पालन कराय जाय। एनसीएल की ओबी कंपनियां दिलीप बिल्डकॉन, बघेल कम्पनी, नीलकंठ भर्तियां कर रही हैं। प्रदेश प्रवक्ता सीपी शुक्ला ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनियों में अधिकांश बाहर के लोगों को नौकरी दिया जा रहा है स्थानीर बेरोजगार युवाओं को नौकरी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है यहा तक कि विस्थापित परिवारों के सदस्यो को भी प्राथमिकता नही दी जा रही है। जो सिंगरौली वासियों के साथ घोर अन्याय है और कंपनिया तानाशाही रवैया अपनाए हुये है।
सिंगरौली जिला औद्योगिक क्षेत्र है और यहां के लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं और वर्तमान समय में कोविड-19 महामारी के कारण नौकरी के लिए किसी का भी बाहर जाना संभव नहीं हो पा रहा है इसलिए पहला हक सिंगरौली के बेरोजगार युवाओं का बनता है। सीपी शुक्ला ने मांग किया है कि सिंगरौली जिले के हित में निर्णय लेते हुए स्थानीय कंपनियों में सिंगरौली जिले के बेरोजगार युवाओं प्रवासी मजदूरो को नौकरी दिलाए जाने की व्यवस्था करें अन्यथा कांग्रेस पार्टी बेरोजगार युवाओं एवं प्रवासी मजदूरो के हित में बड़ा आंदोलन करेगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन एवं संबंधित कंपनी प्रबंधनो की होगी।