इंदौर-प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल MY हॉस्पिटल आए दिन अपने कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा में बना रहता है हाल ही में सड़क किनारे एम्बुलेंस में शव रखे है, इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि मर्चुरी में शव रखने की भी जगह नही है, हालात ये है कि शव को खुले सड़क पर एम्बुलेंस में रखा जा रहा है जिससे अन्य लोग भी खतरा बना हुआ है। यह घटना सरकारी सुविधाओं और प्रशासन की जिम्मेदारी पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है तो वही इंदौर में आज कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के नेतृत्व में रेमडेसीविर वो ऑक्सीजन की कमी को लेकर विरोध जताया है।
बता दें कि ये नजारा है प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल MY का जहा एम्बुलेंस में सड़क किनारे सील पैक बॉडी रखी हुए है. दरअसल इंदौर में रोजाना सेकड़ो की तादात में नए मरीज आ रहे है। वही की MY अस्पताल में प्रदेश भर से मरीज बड़ी संख्या में अपना इलाज कराने आते हैं जिस तरह से सड़क पर ये पूरी पैक बॉडी एम्बुलेंस में रखी है है इससे, लोगों की सुरक्षा में लापरवाही कर रहे है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मर्च्युरी में पार्थिव शरीर रखने की भी जगह नहीं बची है जब इसकी जानकारी एमजीएम डीन संजय दीक्षित और मंत्री तुलसी सिलावट से अवगत करवाएं तो उन्होंने इस तरह की लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर कार्यवाही की बात की। हालांकि जिस तरह से खुले में यह शव रखे गए हैं फिलहाल यह शव कोरोना संक्रमण है या साधारण शव है इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है फिर भी खुले में रखे गए शव के चलते आने जाने वाले लोगो को संक्रमण का खुला निमंत्रण दे रहे है।
आज गुरुवार को इंदौर के दवा बाजार में रेमडेसीवर इंजेक्शन को लेकर कांग्रेस ने सड़क पर सत्याग्रह किया और विधायक संजय शुक्ला ने इस बीच आशंका जताई कि अगले दो-चार दिन में इंदौर में लाशों के ढेर लगने वाले हैं लेकिन कांग्रेस विधायक को इस बात का इल्म ही नहीं था कि जिस जगह खड़े हैं वहां से 500 मीटर की दूरी पार करने के बाद लाशों के ढेर लगने शुरू हो गए जिसका हो स्वयं ना तो मध्य प्रदेश के सबसे बड़े एम वाय अस्पताल प्रबंधन को था और ना ही प्रदेश के उच्च स्तरीय मेडिकल कॉलेज एमजीएम प्रबंधन को।
क्या है इंदौर में लाशों के ढेर की सच्चाई? pic.twitter.com/zmCgahpWZL
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) April 8, 2021