इंदौर — ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट(स्वरूप) के मामले सामने आए है। अब डेल्टा वैरिएंट का सब लीनियंज AY.4 मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। डेल्टा वैरीएंट के जिनोम सीक्वेंसिंग का पता लगाने के लिए इंदौर से एनसीडीसी दिल्ली सितंबर में कुछ सैंपल भेजे गए थे। जिसकी रिपोर्ट में इंदौर के कुछ सैंपल में डेल्टा वैरीएंट के सब लीनियज AY.4 की पुष्टि हुई है हालांकि स्वास्थ विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बी.एस. सैत्या के मुताबिक इस वैरीएंट का कोई घातक परिणाम अभी तक देखने को नहीं मिला है। इंदौर में 6 लोगों में डेल्टा के सब लिनीजयज AY.4 और धार में 1 लोगों में इसकी पुष्टि हुई है लेकिन सभी की स्थिति सामान्य हुई है सभी लोगो को कोरोना के दोनों डोज़ लग चुके थे।
कोरोना महामारी की खत्म होती दिख रही जंग को इस नए वैरिएंट ने फिर से चुनौतीपूर्ण बना दिया है। कोरोना के वेरिएंट स्ट्रेन का पता लगाने के लिए मध्य प्रदेश के हर जिले से हर महीने में 15 से अधिक सैंपल भेजे जाते हैं। यह खबर प्रदेशभर के स्वास्थ्य महकमे से आम लोगों की चिंता जरूर बढ़ा दी है। सितंबर में दिल्ली से सैंपल एनसीडीसी दिल्ली के लिए भेजे गए थे जिसकी रिपोर्ट में नए सब लीनियज की पुष्टि हुई है। हालांकि इसी सैंपल की रिपोर्ट में जिसने सब स्ट्रेन AY.4 की पुष्टि हुई है यह UK और नाइजीरिया के स्ट्रेन का सब ट्रेन है इसकी पुष्टि हुई है।
इंदौर में जिन 6 लोगों में इसकी पुष्टि हुई है उसमें से तीन लोग महू आर्मी कैंट एरिया के है। अभी तक जिन लोगों में सब लीनियज AY.4 की पुष्टि हुई है,उनकी स्थिति बिल्कुल सामान्य है। कोरोना के लक्षण इस इस ट्रेन में है लेकिन यह बिल्कुल घातक नहीं है इसलिए स्वास्थ विभाग इसे बड़ी चिंता का विषय नहीं मान रहा है लेकिन आने वाले समय में लगातार स्वास्थ विभाग सैंपल भेज कर NCDC से नए स्ट्रेन की जानकारी जुटा केस स्टडी करता रहेगा।
ब्रिटेन में बिगड़े हालात दुनिया की बढ़ा दी चिंता
ब्रिटेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या बीते तीन दिनों से 50 हजार के करीब पहुंच गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के विकसित रूप की वजह से ऐसा हो रहा है। उनका कहना है कि अगर कोविड-19 का यह रूप जल्द कंट्रोल नहीं हुआ तो ब्रिटेन के हालात के पटरी हो जाएंगे और ब्रिटेन में जल्द ही चौथी लहर आ सकती है। ब्रिटेन में पाए गए इस नए कोरोना वैरिएंट का नाम- AY.4.2 है। इसे डेल्टा प्लस वैरिएंट भी कहा जा रहा है क्योंकि ये डेल्टा वैरिएंट का ही सब-लीनिएज है। इस वैरिएंट को मूल डेल्टा वैरिएंट से 10 से 15% ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। हालांकि, अभी विशेषज्ञ यही कह रहे हैं कि इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम है मगर इसकी जांत की जा रही हैं। अगर ज्यादा मामले सामने आते हैं तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से इस वैरिएंट वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट'(Variant of Interest) की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। अगर इसके बावजूद मामले और तेजी से बढ़ते गए तो इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न(Variant of Concern) की लिस्ट में रखा जाएगा।