तीन किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी अभी झांकी है, एमएसपी की गारंटी और बिजली कानून की वापसी अभी बाकी है।
सिंगरौली– अमित द्विवेदी सचिव मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा कि आखिर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जून 2020 में अध्यादेश के रूप में लाए गए तीन किसान-विरोधी, कॉर्पोरेट-समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले की घोषणा करनी पड़ी। किसानों का संघर्ष रंग लाया जनता के संघर्षों के आगे बड़े से बड़े तानाशाह को भी झुकना पड़ता है।
श्री द्विवेदी ने कहा कि यह विजय डटे हुए किसानों की है, जो ऊसर मिट्टी में भी अनाज उगाने की कूवत रखते हैं। किसानों ने अहंकारी को बतला दिया कि ग़लत वह थे, पूरी तरह गलत, किसान सही थे, सच्चे थे, इसलिए उनकी विजय हुई। अगर यह फैसला मोदी जी पहले करते तो अपने मंत्री पुत्र को किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के अक्षम्य पाप से रोक लेते किसानों को आतंकवादी, आन्दोलनजीवी, अराजक, खालिस्तानी, नक्सली, मवाली की संज्ञा देने से बच जाते। किसानों पर लाठीचार्ज से बच जाते, सड़को पर कीलें गाड़ने, कटीले तार लगाने, गड्ढे खोदने से बच जाते।श्री द्विवेदी ने कहा कि पांच राज्यों में भाजपा की करारी हार के कारण अहंकारी मोदी सरकार की नींद उड़ गई है उसी के फलस्वरुप डीजल पेट्रोल के दामों का कम होना एवं तीनों काले कृषि कानून को वापस लिया है अभी यूपी चुनावों में अगर बीजेपी हारती है तो डीजल और पेट्रोल एवम रसोई गैस में भारी कमी मोदी सरकार करेगी, इसका मतलब साफ है कि जनता जब बीजेपी को हरायेगी तभी महंगाई कम होगी