जबलपुर। मध्य प्रदेश के संस्कारधानी जबलपुर से बड़ी खबर आ रही है यहां जिन कंधों में कानून व्यवस्था का पालन करने की जिम्मेदारी है उसी विभाग के कुछ पुलिसकर्मियों ने युवाओं को वर्दी दिलाने के नाम पर 4 लाख की ठगी करने का मामला सामने आया है। ठगी के शिकार हुए युवा पिक्चर मामले की शिकायत करने सिविल लाइन थाने पहुंचे तो पुलिस मामला दर्ज ना करके समझौता करा दिया लेकिन शिकायत जब एसपी तक पहुंची। एसपी ने मामले की जांच कराते हुए महिला हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल समेत 3 लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ। 3 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस कोर्ट से दो दिन की रिमांड लेकर पूछताछ कर रही है। फिलहाल खाकी एक बार फिर शर्मसार हुई है।
बता दें कि ठगी के शिकार युवक एसपी से मिलने जा पहुंचे। ठगी के शिकार लक्ष्मी झारिया, दीपक, सुनील, कुमकेश, प्रज्ञेश, गोविंद कुलस्ते, लल्लू सिंह, ब्रजेश पाठक, रूपेश,श्रीपाल सहित अन्य लोगों ने एसपी से शिकायत की। बताया कि 838 पुलिस लाइन क्वार्टर निवासी अनीता ने पुलिस में नौकरी लगवाने के नाम पर 4 -4 लाख रुपए लिए हैं। इस रैकेट में शामिल आरोपियों के नाम चौंकाने वाले थे। दरअसल आरोपियों में प्रधान आरक्षक देववती कुलस्ते, सूरज बघेल व अनिता बघेल शामिल हैं। इसमें सूरज बघेल आरक्षक है। उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली है। अनीता बघेल उसकी मां है। पिता एएसआई थे। उनके आकस्मिक निधन के बाद बेटे सूरज को नौकरी मिली थी। अनीता खुद को आईजी ऑफिस में कार्यरत होना बताती थी। झांसे में फंसाने के लिए बोलती थी कि वह 2012 से लोगों को भर्ती करा रही है।
गौरतलब है कि शिकायत मिलने के बाद एसपी ने इस मामले की जांच एएसपी ट्रैफिक संजय अग्रवाल से कराई। जांच में ठगी की पुष्टि हुुई। आरोपियों ने ठगी की रकम से वाहन, जेवर आदि खरीदे हैं। एसपी के निर्देश पर सिविल लाइंस थाने में आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 506, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियाें को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को दो दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ में जुटी है। संभावना जताई जा रही है कि इस ठगी में कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
सिविल लाइन थाना प्रभारी धीरज राज ने बताया कि तीनाें आरोपी 2017 से ठगी कर रहे हैं। ठगी की रकम से आरोपियों ने जेवर, वाहन सहित अन्य निवेश किए है। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। एसपी ने FIR के बाद महिला प्रधान आरक्षक व आरक्षक को निलंबित कर दिया है। आरोपियों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया भी होगी। बताया जा रहा है कि आरोपी 1 दर्जन से अधिक ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं ऐसा नहीं है कि यह पहली बार पकड़े गए हैं इसके पहले भी इनकी शिकायत की गई थी लेकिन के मातहत इन्हें बचा लेते थे।
सिविल लाइंस पुलिस पहले ही इस रैकेट का भंडाफोड़ कर लेती, लेकिन पुलिस ने आरोपियों से पीड़ितों का समझौता करा दिया। सिविल लाइंस पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच एक हजार रुपए के शपथ पत्र पर समझौता करा दिया था। इसक बाद पीड़ितों ने एसपी से शिकायत की। तब आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई और उनकी गिरफ्तारी हुई। प्रकरण सामने आने के बाद पिछले चार साल में ठगी के शिकार लोगों के सामने आने की बात कही जा रही है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।