इंदौर- मध्य प्रदेश के मिनी मुंबई में रहने वाले एक युवक को 1 साल तक अपनी पत्नी का इंतजार करना पड़ा और जब इंतजार की घड़ी खत्म हुई तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा पूरा परिवार खुशियों से झूम उठा। बता दें कि पाकिस्तान में रहने वाली संध्या अपनी नन्ही बेटी के साथ पहली बात भारत पहुंची है। अपनी बहू और नातिन को अपने घर पाकर परिवार वाले भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। संध्या और उसकी बेटी को भारत आने के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ा है।
दरअसल इंदौर के द्वारकापुरी इलाके में रहने वाले सागर बजाज का परिवार सात साल पहले तक पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जैकबाबाद में रहते थे । उसी दौरान उन्हें पड़ोस में रहने वाली संध्या से प्यार हो गया था लेकिन बाद में उनका परिवार हिंदुस्तान चला आया लेकिन इतनी दूरी के बाद भी उनका प्यार कम नहीं हुआ। दोनों परिवार के बीच हुई बातचीत के बाद 22 फरवरी 2020 को उनकी शादी तय हुई जिसके बाद सागर बजाज का परिवार दुल्हन को लाने के लिए पाकिस्तान गए लेकिन उस समय दुल्हन के पास भारत आने का वीजा नहीं था यही कारण है कि कुछ दिन उन्हें भी जा कर पाकिस्तान में ही रुकना पड़ा।इसी दौरान लॉक डाउन लग गया सागर बजाज का पूरा परिवार तो हिंदुस्तान लौट आया था लेकिन उनकी पत्नी संध्या का पासपोर्ट नहीं बनने के चलते पाकिस्तान में ही रुकना पड़ा।
परिवार से मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में रह रही सागर बजाज की पत्नी संध्या गर्भवती हो गई। इस कारण वे उन्हें लॉकडाउन खुलने के बाद भी भारत नहीं ला पाए, जब उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया तो फिर यह लोग बेटी के पासपोर्ट बनवाने में जुट गए। भारतीय दूतावास की तरफ से जब बेटी और संध्या का पासपोर्ट जारी हो गया तब यह लोग अटारी बॉर्डर के माध्यम से अब अपने वतन हिंदुस्तान पहुंचे हैं। बहू और नातिन के पहली बार घर आने से दादा ननकीराम बेहद खुश हैं और इसके लिए भारत सरकार और स्थानीय सांसद शंकर लालवानी को धन्यवाद भी दे रहे हैं।