जबलपुर – डेढ़ साल से चलते चले जा रहे स्थानीय निकाय चुनाव पर एक बार फिर संकट गहराता जा रहा है संकट इस बात का कि नगरी निकाय चुनाव कराए जाए या नहीं। इस बीच एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है कोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि अभी नगरी निकाय चुनाव नहीं होंगे।
मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव हो या ना हो इस बात को लेकर एक बार फिर से निकाय चुनाव पर तलवार लटक गई है। बुधवार को मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि फिलहाल आयोग की निकाय चुनाव कराने के ऐसी कोई मंशा नहीं है ना ही कोई तैयारी है। आयोग की तरफ से कहा गया है कि, यदि चुनाव कराए भी जाएंगे तो सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था का ध्यान रखा जाएगा।आयोग ने कहा कि जब तक तीसरी लहर की स्थिति साफ़ नहीं होगी तब तक चुनाव नहीं कराए जाएंगे।
आपको बता दें कि सुनवाई में हाईकोर्ट ने सुझाव दिया है कि निर्वाचन प्रक्रिया में कोरोना संक्रमण से बचाव की प्राथमिकता रखी जाए। वहीं तीसरी लहर की आशंकाओं के मद्देनजर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से नगरीय निकाय चुनाव पर रोक लगाने की मांग की थी। हाई कोर्ट में निकाय चुनाव पर सुनवाई के बाद पिछले डेढ़ साल से निकाय चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। पूर्व पार्षदों का इंतजार और ज्यादा बढ़ गया है।
पूर्व पार्षदों का कहना है कि पहले ही निकाय चुनाव डेढ़ साल से रुके हुए है। ऐसे में पूर्व पार्षदों का कहना है कि वह हाई कोर्ट की गाइडलाइन का सम्मान करते हैं लेकिन उनका यह भी कहना है कि ,जनता को हो रही समस्या से निदान के लिए पार्षदों का कार्यकाल बढ़ा देना चाहिए। प्रतिनिधियों का कहना है कि, निकाय चुनाव न होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी सीधे मुह उनसे बात नहीं करते। जिससे शहर का विकास भी बाधित हो रहा है।
कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष व पूर्व पार्षद अभिषेक चिंटू चौकसे का कहना है कि , जनता की जान माल की सुरक्षा सर्वोपरि है । चिंटू चौकसे कहते हैं कि, निकाय चुनाव भलाई कोरोना की तीसरी लहर के बाद हो लेकिन जनता को हो रही परेशानियों और विकास के कार्य के लिए कैंटोनमेंट बोर्ड का कार्यकाल बढ़ा देना चाहिए या फिर चुनाव ना होने तक एक प्रतिनिधि नॉमिनेट करना चाहिए जिससे जनता को हो रही परेशानियों से बचाया जा सके।
हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें इस बात पर आपत्ति दर्ज कराई गई है कि, कोरोना की संभावित तीसरी लहर आने की बात कही जा रही है। ऐसे में निकाय चुनाव कराए जाते है तो कोरोना बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। आपको बता दें कि इससे पहले 15 जुलाई को भोपाल में चुनाव चुनाव आयोग की एक बैठक की गई थी। जिसमें निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां करने की बात कही गई थी। इसके बाद से ही पूरे प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई थी। अपने अपने वार्ड के नेताओं ने तैयारियां तेज कर दी थी, लेकिन हाईकोर्ट में लगी जनहीत याचिका के बाद एक बार फिर से निकाय चुनाव पर तलवार लटकती नजर आ रही है।