भोपाल- में अचानक मौसम में आये बदलाव के कारण राज्य के कई जिलों में बारिश होने की संभावना ने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है. मौसम विभाग द्वारा 5-6 दिसंबर तक राज्य के कई जिलों में बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है. अचानक मौसम के इस बदले मिजाज से किसानों के लिए आफत बन कर आई है. क्योंकि कई किसानो के खेत में अभी भी धान की फसल काटने के लिए तैयार है. वहीं कई किसान अपने धान को काट कर खलिहान में रख चुके हैं ऐसे में बारिश के कारण धान की अच्छी पैदावार होने के बावजूद किसानों को नुकसान हो सकता है. हालांकि माना यह भी जा रहा है कि रबी फसल के लिए यह लाभदाय़क साबित होगा पर सब्जियों की खेती को इससे नुकसान हो सकता है.
एमपी में मौसम (MP Weather) का मिजाज पूरी तरह बदल गया है. यहां के मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मप्र के इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर संभाग में आज बारिश होने की संभावना है. भोपाल में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने के आसार नजर आ रहे है. बारिश के कारण कोहरा और धुंध की भी संभावना जताई जा रही है। साथ ही विजिबिलिटी एक किलोमीटर से भी कम रहने की संभावना है। जिससे आने जाने वालो को भी मुश्किलो का सामना करना पडेंगा। इस बीच किसान अपनी फसलों का उचित प्रबंध कर ले नही तो उन्हें भी खासा नुकसान हो सकता है।
गौरतलब है कि अरब सागर एवं बंगाल की उपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, यह बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्पन्न हुआ और पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास सक्रिय है। और उसके पड़ोस राज्यों में केंद्रित है. मंगलवार को शहर का सबसे कम न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार को अरब सागर में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। जिससे बंगाल की खाड़ी में एक वेदर सिस्टम बन रहा है । जिसके चलते एमपी के वातावरण में मंगलवार से हवा के साथ-साथ नमी भी बढ़ने लगी है. इसके चलते बुधवार को ग्वालियर के इंदौर, उज्जैन और चंबल संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. राजधानी में इस समय गरज के साथ बारिश हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी पीके साहा के अनुसार मंगलवार को राजधानी का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक 25.9 दर्ज किया गया। साथ ही यह सोमवार के अधिकतम तापमान (25.9 डिग्री सेल्सियस) के मुकाबले एक डिग्री सेल्सियस की तुलना में एक डिग्री सेल्सियस कम रहा। इसके अलावा न्यूनतम तापमान में भी मामूली गिरावट दर्ज की गई।बंगाल की खाड़ी में भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके दो-तीन दिसंबर को चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इन तीन वेदर सिस्टम के असर से राजधानी सहित प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहींं तेज हवाएं चलने के बाद गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इस दौरान राजस्थान, गुजरात से लगे जिलों में कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।