धार – आज धार जिला अस्पताल में रोगटे खड़े कर देने वाला बड़ा मामला सामने आया जहां अस्पताल में गहन शिशु चिकित्सा इकाई में भर्ती 4 नवजात शिशु की मौत एक ही दिन में हो गई ….इस खबर के फैलते ही शहर में भय का वातावरण बन गया । आज सुबह की शुरुआत ही एक बच्चे की मौत हुई थी जिसे कल ही एक निजी अस्पताल से लाया गया था उसके बाद दोपहर करीब ढाई बजे दूसरे बच्चे की मौत हो गई….मौत का सिलसिला यहाँ नहीं रुका शाम करीब 8 बजे तक 2 औऱ नवजात मौत के आगोश में समा गए ….घटना के बाद अस्पताल में मातम पसर गया और हंगामा हो गया…..
बच्चों की मौत को लेकर परिजन जहां डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगा रहे हैं तो वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का अपना ही तर्क है उन्होंने कहा कि चारों बच्चों की अलग-अलग समय में अलग-अलग वजहों से मौत हुई है जिसमें एक बच्चा निमोनिया का भी शिकार था। सूत्रों की माने तो शिकायत की वजह से SNCU के पुराने कर्मचारियों को 10 दिन पूर्व एक साथ हटा दिया गया …ऐसे में नए कर्मचारियों के कामकाज पर प्रश्न उठना लाज़मी है। इस पूरे घटनाक्रम में स्टाफ की लापरवाही हो या दूसरा कोई और कारण पर आज कई गांव की गोद सूनी हो गई है इसका जवाब दार कौन है।
मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन डॉ जेपीएस ठाकुर का कहना है आज 4 नवजात की मौत हुई है इन सब के मौत के कारण अलग-अलग है और यह सभी बच्चे पहले से गंभीर अवस्था में थे..डॉ ठाकुर की माने तो एक नवजात को दूध की उल्टी हुई और सांस नली में दूध जाने से सांस नही ले पाया इसलिए उसकी मौत हुई जबकि दूसरा बच्चा सीवियर निमोनिया था जो जन्म से निमोनिया से ग्रस्त था। …जबकि एक बच्चा अबॉर्शन में बाद हुआ इसलिए उसका वजन 800 ग्राम होने से उसकी मौत हो गई …हालांकि किसी प्रकार की लापरवाही से इनकार करते हुए डेथ रिव्यू की बात का दावा जरूर किया।