इंदौर – राऊ पुलिस ने एक ऐसी फर्जी धोखाधड़ी करने वाले गैंग को गिरफ्तार किया जो लोगों को मुनाफा दिलवाने के नाम पर उनके साथ फ्रॉड कर रहे थे । पुलिस ने आरोपियों से 13 लाख रुपए नगद और 25 मोबाइल 10 लैपटॉप दो कार और कई प्रॉपर्टी के कागजात जप्त किए हैं वहीं अलग बैंक अकाउंट में 5 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन की जानकारी पुलिस के हाथ लगी है।
दरअसल असम राइफल के सैनिक सौरभ कुमार मिश्रा ने राऊ पुलिस को शिकायत की थी कि उन्हें एक नंबर से कॉल आया और फिर इन्वेस्टमेंट के नाम पर एक अच्छा मुनाफा देने पर पैसे इन्वेस्ट कराएं और फिर बाद में फोन स्विच ऑफ कर लिया नंबर और अकाउंट नंबर के आधार पर पुलिस ने पहले जिसके नाम से अकाउंट था उसे ट्रैक किया और उसके बाद परत दर परत पूरी गैंग के सामने के सामने आते गए यह पूरी गैंग एक सिस्टमैटिक तरीके से काम कर रही थी जिसमें कॉल लगाने वाले से लेकर फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले और रुपयों का हिसाब करने वाली करने वालों की जिम्मेदारी तय की थी इस पूरे गैंग मुख्य सरगना पवन तिवारी और पूजा थापा है जिन्होंने लॉकडाउन के बाद कुल 10 लोगों को एक साथ मिलाकर एक ही फर्जी एडवाइजरी बनाई और वहीं से अलग-अलग लोगों को कॉल करके उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे पुलिस को फिरहाल कई सारी ऐसी जानकारियां हाथ लगी है कि इस गैंग से आने वाले समय में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं इसमें पुलिस ने बैंक अकाउंट को रेंट पर देने वाले फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले और कॉल सेंटर में लोगों को कॉल लगाने वाले और लोगों का डाटा उपलब्ध कराने वाले सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीएसपी अमित कुमार पिलानी ने बताया कि गैंग लोगो से सुहाने सुनहरे सपने दिखाकर उनसे पैसा ऐठा है और उस पैसे से खुद गोवा में ऐश करी, प्रॉपर्टी खरीदी, गाड़ियां खरीदी, लैपटॉप, मोबाइल खरीदी और कैश का इस्तेमाल किया।
इसमें कई सारे लोग इंवॉल्व हैं।अभी तक जो हमने लोगों को हिरासत में लिया है और जो उनसे माल जप्त किया है वहा आपके सामने लैपटॉप मोबाइल और कैश रखा है मैं इनके नाम आपके सामने पढ़ देता हूं इसमें हमारे फरियादी हैं राइफलमैन सौरभ कुमार जिन्होंने पहली बार हमको ये जानकारी दी कि उनके साथ इस तरीके की धोखाधड़ी हुई है जिस पर TI राऊ सब इंस्पेक्टर बवानिया इनकी टीम राऊ थाने की टीम एसीपी सौम्या एडिशनल एबिड्स जावेद इन सब ने इसकी depth में जाकर ऐसे ऐसे पॉइंट निकालें जिससे ये ना केवल एक फर्जी एडवाइजरी गैंग हमने पकड़ा है बल्कि आगे आने वाले दिनों में हम और भी ऐसी links निकालेंगे जिससे और भी एडवाइजरी कंपनी हमारे हिरासत में आए ।
इन धाराओं पर हुई कार्रवाई
आईपीसी 420 409 120 बी 434 467 468 और मध्य प्रदेश निष्पक्ष के नियम संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा 2006 घटना करने का तरीका मैंने आपको बता दिया है इसमें आरोपियों के नाम बता देता हूं आरोपी कैलाश पिता
देवीदीन मौर्य, कपित उर्फ हार्डिया पिता किशोर हार्डिया, अनिल यादव पिता हरदयाल यादव ये लोग रेंटेड अकाउंट देते थे। अपने नाम से अकाउंट खुलवा थे जिनमें गलीबल इन्वेस्टर्स पैसा डालते थे और फिर ये पैसा कमीशन पे आगे दे देते थे.
यदि शर्मा पिता मोहनलाल शर्मा अमित पिता वीरेंद्र दोषी यह लाइन अकाउंट से पैसे निकलवा कर और कमीशन काटकर देते थे। मुरली पिता सुदामा मुरली इसमें खास है क्योंकि मुरली अल्टीमेटली थापा और पवन देवाली जो मुख्य यहां के किंग पे एडवाइजिंग है उनको पैसा पहुंचाने का काम करता था। दीपक विनोद विशाल प्रकाश और दीपा के लोग कुछ लोग हैं जो कॉलर से जो लोगों को फोन लगाकर उन को गुमराह करते हैं।