सीधी — ग्रामीणों ने बताया कि एक पखवाड़े के भीतर आदिवासी जनजाति में अति पिछड़े बैगा जनजाति के परिवारों को बेघर करने की यह दूसरी बड़ी कार्यवाही नेबूहा के दुर्जन टोला में की गई है जिसको लेकर जहां मंच से विरोध जताया गया। वहीं मौके से ग्रामीणों द्वारा भी विरोध जताया गया जिसमें दिव्यांग जितेंद्र सिंह पिता रणदंमन सिंह गोंड़ जो दोनों पैरों से विकलांग हैं ने बैशाखी के सहारे मौके पर पहुंचकर विरोध जताया। उन्होंने बताया तीन पीढ़ी पूर्व से जिस जमीन में उसके पूर्वज और वो खेती-कास्त करते हुए आबाद हैं उसी घर में किराना की छोटी सी दुकान रखकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था जिसे पुलिस बल के सहयोग से प्रशासन द्वारा उसे व उसके पत्नी व छोटे बच्चों को मारपीट एवं घसीट कर बाहर कर जेसीबी से घर गिरा दिया गया है और छोटेलाल पिता नंदानी बैगा का भी घर गिरा दिया गया है।
बता दें कि ग्राम पंचायत नेबूहा के एक मोहल्ला दुर्जन टोला में जहां आदिवासियों के आशियाना को प्रशासन द्वारा उजाड़ा गया वहीं उसी ग्राम पंचायत के दूसरे मोहल्ला कोठार टोला में एकता परिषद के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें मुख्य अतिथि की आसंदी से जैसे ही क्षेत्रीय विधायक धौहनी कुंवर सिंह टेकाम अपना उद्बोधन शुरू किए जहां पूर्व से ही आक्रोशित ग्रामीण बैठे थे जब दुर्जन टोला का पूरा आदिवासी समूह जैसे ही कार्यक्रम में पहुंचा वैसे ही ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और सभी ने विधायक पर ही गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हम लोगों का आशियाना उजाड़ने में विधायक खुद जिम्मेदार हैं और उन्हीं के इशारे पर प्रशासन द्वारा हम लोगों के साथ दमनकारी कार्यवाही करते हुए घर उजाड़ कर बेघर किया गया है। क्योंकि घटना के एक दिन पूर्व पूरे प्रशासनिक अमला के साथ विधायक घटनास्थल का दौरा किए थे और उनके द्वारा आश्वासन दिया गया था कि किसी का भी घर नहीं उजाड़ा जाएगा लेकिन वहां से लौटने के बाद लगभग 2 घंटे तक उपखंड अधिकारी के पास विधायक का गुफ्तगू कर प्लानिंग बनाना और दूसरे दिन वही प्रशासनिक अमला आकर घर गिरा देता है। ऐसे में ग्रामीणों का सीधा आरोप विधायक पर ही था।ग्रामीणों की माने तो देश और प्रदेश में उनके पार्टी की सरकार है और अगर उनका इशारा ना होता तो प्रशासन में इस तरह दमनकारी कार्यवाही करने का हौसला नहीं करता। इतना ही नहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जिस उद्योगपति का प्रोजेक्ट यहाँ लगना है उसका मैनेजर यहाँ के स्थानीय भाजपा नेता का रिश्तेदार है और उसी के इशारे पर विधायक ने प्रशासन के ऊपर दबाव बनाकर कार्यवाही करवाएं हैं। समय आने पर इन सबको बेनकाब किया जाएगा।
कांग्रेसियों की चुप्पी पर भी सवाल?
ग्रामीण चीख-चीख कर ये भी आरोप लगा रहे हैं कि क्षेत्रीय विधायक के इशारे पर गरीबों का आशियाना उजाड़ा गया है ऐसे में क्षेत्र के कांग्रेसी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। इसलिए उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठता है कि कहीं ना कहीं इस कार्यवाही को लेकर उन्हें भी चुप करा दिया गया है।
विधायक ने किया फोन
ये अलग बात है कि ग्रामीणों को संतुष्ट करने और स्वयं को जन हितैषी बताने के लिए विधायक ने मोबाइल से किसी को फोन लगाकर खरी खोटी बात सुनाई गई और वहां उपस्थित लोगों से कहा गया कि कलेक्टर से बात हुई है। ऐसे में उनका फोन किसे लगा है या नहीं लगा है यह भी संशय है क्योंकि वो अपना विश्वास पूर्व से ही ग्रामीणों के बीच खो चुके हैं। ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि एक तरफ विधायक को मुख्य अतिथि बना कर सम्मानित करने का प्रयास किया गया लेकिन विधायक अपने ही बुने हुए जाल में फंस गए और ग्रामीणों ने उन्हें खुद खरी खोटी सुना कर बेनकाब कर दिया।
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