सीधी -एक पत्रकार समेत 10 युवकों को कोतवाली के भीतर 18 घंटे तक रखने अर्धनग्न कर मारपीट करने के बाद फोटो खींचने और फिर सोशल मीडिया पर वायरल कर देना की शर्मनाक घटना को अब मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र जैन ने डीजीपी सुधीर सक्सेना से 7 दिन में जवाब मांगा है. वही टीआई मनोज सोनी की कॉल डिटेल निकालने के बाद कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
बता दें कि आयोग की सख्ती के बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शिकायत डॉ अशोक अवस्थी ने भी बीएचयू में पदस्थ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रेडियो अमित सिंह को जानते हुए 3 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है इसी बीच एसपी मुकेश श्रीवास्तव ने कोतवाली के टीआई मनोज सोनी अमिलिया के थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार को निलंबित कर दिया है इससे पहले इन दोनों को लाइन में भेज दिया गया था।
बता दे कि फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर अपमानजनक पोस्ट करने के आरोप में रंगकर्मी नीरज कुंदर को पुलिस ने 2 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था पुलिस ने सीधी की भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला की बेटी गुरुदत्त शरण शुक्ला की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था पुलिस के मुताबिक इसी गिरफ्तारी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे पत्रकार कंस की दिवारी समेत 10 आरोपियों को शांति भंग की आशंका पर गिरफ्तार किया गया था आरोप है कि सभी आरोपियों को लगभग 18 घंटे कोतवाली की हवालात में अर्धनग्न अवस्था में रखते हुए अपमानित,उत्पीड़न और मारपीट की गई। पुलिस की इस घिनौनी करतूत का खुलासा तब हुआ जब अर्धनग्न हालत में खींचे गए फोटो 7 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हालांकि वायरल वीडियो को देखते हुए टीआई और थाना प्रभारी के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही पुलिस हिरासत में आरोपियों के साथ ज्यादती पर नहीं बल्कि आपत्तिजनक हालत में फोटो खींचने और उसे वायरल करने के आरोप में हुई है।
कमलनाथ के ट्वीट के बाद TI व SI पर हुई कार्यवाही प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ट्वीट करने के बाद यह घटना न केवल प्रदेश में बल्कि देश भर के मीडिया की सुर्खियों में छा गया था जिसके बाद टीआई व एस आई पर करवाई हुई थी। पूर्व सीएम कमलनाथ ने घटना को बेहद शर्मनाक बताया है उनका कहना है कि राजनीतिक दबाव की बात सामने आ रही है कुछ इस तरह जांच होनी चाहिए.
थाना प्रभारी को जब फोन आया तो वह वायलेंट हो गए
पत्रकार कनिष्क तिवारी पुलिस प्रशासन और विधायक के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों की कवरेज कर रहे थे उसी दौरान थाना प्रभारी मनोज सोनी को एक फोन आया। फोन पर काफी देर तक थाना प्रभारी बात करते रहे लेकिन जब बात खत्म हुई तो वह वायलेंट हो गए। फोन किसका था, क्या बात हुई,यह अब भी रहस्य बना हुआ है अब यदि थाना प्रभारी मनोज सोनी की घटना दिनांक की कॉल डिटेल निकाली जाए तो इस घटना का खुलासा हो सकता है। इस घटना के पीछे कौन लोग हैं, उसके पीछे उनका क्या मकसद था।सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।