पिछले पांच साल से लापता मध्य प्रदेश के रीवा जिले के अनिल की पाकिस्तान जेल से हो रही रिहाई की खबर से अनिल के परिवार में खुशियों की लहर है।बता दें कि पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद रीवा के अनिल साकेत की रिहाई हो गई है। अनिल शुक्रवार को अपने घर पहुंच सकता है।रीवा जिले के छन्दहई गांव का अनिल साकेत 2015 से लापता था। 2019 में उसके पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद होने की खबर आई थी। अब पाकिस्तान जेल से उसके रिहा होने की जानकारी मिली है। इस खबर को सुनते ही अनिल का परिवार बेचैन है कि वह कितनी जल्दी घर पहुंचे।
मिली जानकारी के मुताबिक अनिल 13 सितंबर को रिहा होकर 14 को बाघा बार्डर पंहुचा। 16 को विशेष बस से उसे रिहा किए गए अन्य बंदियों के साथ ग्वालियर रवाना किया गया। 18 सितंबर को अपने घर पहुंचेगा। अनिल के गुमशुदा होने की रिपोर्ट उनके पिता बुद्धसेन साकेत ने 10 जनवरी 2015 को लिखाई थी। घर के लोग उसके लौटने की उम्मीद छोड़ चुके थे। पत्नी की दूसरी शादी हो चुकी थी। इसी बीच बीते साल पता चला कि वह तो लाहौर जेल में बंद हैं। बताया गया कि वह भटकते-भटकते पाकिस्तान की सीमा में चला गया था। जहां उसे जेल में डाल दिया गया।
सांसद जनार्दन मिश्र व सांसद राजमणि पटेल ने वापसी के लिए उठाई थी आवाज अनिल के लाहौर जेल में बंद होने की खबर प्रकाश मे आने के बाद सांसदों ने उसकी वापसी के लिए आवाज उठाई। सांसद जनार्दन मिश्र के साथ ही राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने अपने-अपने स्तर पर मामले उठाए और लगा तो आप प्रयास करते रहे। राजमणि पटेल ने 15 जुलाई 2019 को यह मामला राज्यसभा मे उठाया था। उन्होंने विदेश मंत्री से इस मुद्दे पर तत्काल पहल करने की मांग की थी।
पत्नी ने कर लिया दूसरा विवाह अब दुविधा में
अनिल के लापता होने के बाद पिता बुद्धसेन का पूरा परिवार बिखर गया। उनकी दो बेटियों और छोटे बेटे का अभी तक विवाह नहीं हो पाया है। वहीं अनिल के जाने के डेढ़ साल पहले उसका विवाह हो गया था। पत्नी ने तीन साल तक उसका इंतजार किया। लेकिन जब वह नहीं लौटा तो उसको मृत समझकर पत्नी मायके चली गई। वह और ज्यादा इंतजार नहीं कर पाई। मायके में उसके परिजन ने उसका दूसरा विवाह कर दिया। अनिल के वापस आने पर प्रतिनिधि दुविधा में है कि आखिर करे तो करे क्या।
बेटी के लौटने की कभी उम्मीद नही छोडी़ मां
अनिल साकेत की मां पंचू देवी आज भी अपने बेटे का लौटने का रोज इंतजार करती है। मां बच्चे के आने की उम्मीद आज तक सजो के रखी थी । दरवाजे पर इस इंतजार में बैठी रहती है कि कभी ना कभी उसका बेटा घर लौट आएगा। बता दें कि जब महिला अपने गांव से बाहर जाती है तो बेटे की फोटो साथ ले जाती है और लोगों को तस्वीर दिखाकर उसके बारे में पूछने लग जाती क्या इसे कभी कही देखा है।