देवसर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था तक नहीं है,ऐसे में जन जन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का सरकारी दावा खोखला…….
अनुरोध शुक्ला -विंध्य न्यूज़ -संवाददाता- देवसर
सिंगरौली/देवसर. #देवसर ब्लाक के #सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान एक महिला की शनिवार शाम को मृत्यु हो गई। मृतिका कलावती के पति सरिमन साकेत ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते उसकी पत्नी की मौत हुई है। प्रसूता को भर्ती कराने के करीब आधे घंटे तक डॉक्टर अस्पताल तक नहीं पहुंचे और जब पहुंचे तो प्रसूता की सांसें उखड़ चुकी थी. डॉक्टरों का अपना तर्क है कि जब महिला को देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी लेकिन सवाल यह भी है कि जब महिला सीरियस थी तो फिर उसे वहां एडमिट क्यों किया गया,उसे रेफर क्यों नहीं किया गया। सूत्रों की माने तो इन लापरवाह डॉक्टरों की वजह से अब तक कई जाने जा चुकी हैं लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती इसीलिए यह आए दिन मनमानी करते हैं।
बताया गया है कि जन अभियान परिषद् के ब्लाक समन्वयक #सरिमन साकेत शुक्रवार शाम 5:30 बजे मरीज को देवसर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए लाया गया था। उस दौरान प्रसूता अकेले पैदल चलकर हॉस्पिटल के भीतर गई थी। उस समय वह पूरी तरह से स्वास्थ्य दिख रही थी और परिवारजनों से बात भी कर रही थी। हालांकि इस दौरान उन्हें काफी दर्द हो रहा था। फिर अचानक आधे घंटे में ऐसा क्या हुआ कि प्रसूता की मौत और हो गई। श्री साकेत में यह भी बताया कि नर्स पदमा को पहले दिखाया था तो उन्होंने कहा कि आज 8:00 से 10:00 के बीच डिलीवरी हो जाएगी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।अब इस पूरे मामले की यदि निष्पक्ष जांच हो जाए तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। परिजनों ने बताया कि जब प्रसूता को अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था सिवा एक नर्स सुनीता पटेल के।
भर्ती होने के आधे घंटे बाद पहुंचे चिकित्सक- सरिमन साकेत ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पत्नी को जब अस्पताल लेकर आया तो कोई भी डॉक्टर अस्पताल में नहीं थे बिना देरी किए डॉक्टर केसरवानी को सूचना दी गई लेकिन सूचना मिलने के करीब 1 घंटे बाद वह अस्पताल पहुंचे तब तक प्रसूता की मौत हो चुकी थी। डॉक्टर अपनी कमी छुपाने के लिए आनन-फानन में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने के लिए कहा लेकिन जब तक प्रसूता को ऑक्सीजन लगता तब तक काफी देर हो चुकी थी प्रसूता की सांसे पूरी तरह से थम चुकी थी।
परिजनों ने किया हंगामा
अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। इस दौरान बड़ी संख्या में उसके परिजन सहित अनेकों लोग एकत्रित हो गए थे। परिजनों का आरोप हैं कि यदि डॉक्टर लेट नहीं करते तो उनकी प्रसूता और बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने शव वाहन से गृह ग्राम चुरहट ले गए हैं।
इनका कहना है
एक डिलीवरी का केस आया था जैसे ही मुझे जानकारी लगी मैं तुरंत डिलीवरी बाढ़ पहुंच देखा पेशेंट काफी सीरियस था सांस लेने में दिक्कत हो रही थी पल्सर नहीं चल रही थी तुरंत ही ऑक्सीजन लगाया लेकिन तब तक पेशेंट की मौत हो चुकी थी।
डॉक्टर ओम केसरवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवसर