देवसर 20 अप्रैल। वन विकास निगम सीधी,सिंगरौली हमेशा सुर्खियों में रहा है। एनसीएल, एनटीपीसी क्षेत्र में पौध रोपण से लेकर उसके रख-रखाव के नाम पर लाखों रूपये का गोलमाल हमेशा से चर्चाओं में रहा है तो वहीं देवसर ब्लाक के वन विकास परिक्षेत्र ढोंगा अंतर्गत कम्पार्टमेंट नंबर 757 ग्राम ललमटिया, चरकी के प्लांटेशन से वर्षों पुराने हरे-भरे निस्तारी लकडिय़ों को कटाकर गायब कर दिये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वन विकास निगम के करतूतों का भण्डाफोड़ सोशल मीडिया मेें हो रहा है। जिसको लेकर उक्त अमला सकते में है। वहीं उक्त विभाग के अमले की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है।
वन विकास निगम परियोजना सीधी सिंगरौली के परिक्षेत्र ढोगा अंतर्गत विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों की करतूतों का एक गंभीर मामला सामने आया है जहां रक्षक ही भक्षक साबित हो रहे हैं और बाड़ी ही खेत खाने पर तुल गई है। जी हां यहां मामला ही कुछ इस तरह का है कि वनों की रखवाली करने वाले ही वनों की अवैध कटाई करवा कर लकड़ी बिक्री करने में लिप्त बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार यह जानकर हैरानी होगी कि वन विकास निगम सीधी, सिंगरौली परियोजना अंतर्गत परीक्षेत्र ढोंगा के ग्राम चरकी, ललमटिया के कंपार्टमेंटो में अभी हाल ही के दिनों में बिक्री की गई जलाऊ व निस्तारित लकड़ी के नाम पर बड़े पैमाने पर गोलमाल किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें परिक्षेत्र सहायक से लेकर वनरक्षक व चौकीदारों की भूमिका संदेह के दायरे में है। मामला परिक्षेत्र ढोंगा के ग्राम ललमटिया अंतर्गत कंपार्टमेंट 757 में करीब एक दर्जन पेड़ों की कटाई की गयी। जहां पेंड़ों के ठूंठ जगह-जगह नजर आ रहे हैं। लकडिय़ा कहां गई इस पर किसी की जुबान नहीं खुल रही है। वहीं कुछ ग्रामीणों ने इसका वीडियो, फोटो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर रहे हैं।
चोरी चुपके लाखों की लकडिय़ां गायब
सूत्र बता रहे हैं कि उक्त प्लांटेशन अंतर्गत हाल ही के दिनों में सीधा इत्यादि हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई करा कर करीब 6 ट्रैक्टर गीली निस्तारी व इमारती लकड़ी बिक्री किए जाने की चर्चा है। हालांकि इस मामले में अभी तक उक्त विभाग का अमला मौन है। किन्तु ग्रामीणों का आरोप है कि वन विकास निगम के अमले की मिलीभगत से चोरी चुपके ग्रामीणों की नजरें ओझल होते ही गायब कराने में सफल रहे। कुछ ग्रामीणों का दावा है कि इस काले करतूत का वीडियो भी बनाया गया है।
संदेह के घेरे में अमला
जानकारी के अनुसार वन विकास निगम परिक्षेत्र क्षेत्र ढोंगा के संबंधित कंपार्टमेंट के डिप्टी रेंजर से लेकर कथित फारेस्ट गार्ड व चौकीदार की भूमिका संदेह के घेरे में है तथा नाम न छापने की शर्त पर आस-पास के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि स्टाफ के कर्मचारियों द्वारा अक्सर इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया जाता है, जिसकी जांच होनी चाहिए। यदि प्लांटेशन के अंदर ठूंठों की गिनती कर निष्पक्ष व पारदर्शिता के साथ जांच करायी जाय तो सच सामने आ सकता है और वन विकास निगम के अमले की काली करतूतों का पर्दाफास हो सकता है।
जांच व कार्रवाई की उठने लगी मांग
वन विकास निगम परियोजना सीधी, सिंगरौली के अंतर्गत विगत कुछ वर्षों के दौरान किए गए वृक्षारोपण व उसके रख-रखाव में भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़े की व्यापक बू आ रही है। आरोप है कि कथित कर्मचारियों की खाऊ-कमाऊ नीति के वजह से वनो के विकास कम विनाश ज्यादा नजर आ रहा है। ऐसे में इनके द्वारा किए गए कार्यों की विधिवत उच्चस्तरीय जांच किए जाने की मांग की जा रही है। प्रबुद्ध नागरिकों व पर्यावरणविदो का मानना है कि यदि वन विकास निगम के कार्यों की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो कई तरह के घोटालो का खुलासा हो सकता है।