सिंगरौली 26 अप्रैल। जिले के बरगवां स्थित वन काष्ठागार में भीषण आग लग गयी। आग कब और कैसे लगी वन विभाग अमला पूरी तरह से अंजान है। इस आगजनी की घटना से करोड़ों कीमत के जलाऊ सहित इमारती लकडिय़ां जलकर राख में तब्दील हो गयीं। वहीं आग पर काबू पाने के लिए दर्जनों की संख्या में टै्रक्टर व आधा दर्जन दमकल वाहन जुटे हुए हैं। लेकिन देर रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।
जानकारी के अनुसार बरगवां स्थित डीएफ ओ कार्यालय में रविवार दोपहर 1 बजे कार्यालय परिसर में रखी लकडिय़ों में अचानक आग लग गयी। जिससे करोड़ो की लकड़ी जलकर खाक हो गयी। लकडिय़ों में लगी आग इतनी भीषण थी कि इसे बुझाने में वन कर्मियों के साथ पुलिसकर्मी और दमकल कर्मी देर शाम तक जूझते रहे। बरगवां निरीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि आग लगने का सही कारण अभी पता नहीं लग सका है। फिलहाल आग को आगे बढऩे से रोक दिया गया है। अग्निशामक विभाग की 4 गाडिय़ां मौके पर आग बुझाने के लिए लगी है। वही अन्य जगहों से 4 और अग्निशामक वाहन बुलाए गए हैं। गौरतलब है कि वन कार्यालय में रखी करोड़ों की लकड़ी में आज दोपहर आग लग गई और देखते ही देखते आग ने उग्र रूप धारण कर लिया तब जाकर वन विभाग को इसकी भनक लगी। आनन-फानन में इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी गयी। सूचना पर जब तक हिण्डालको एवं जेपी मझौली की फ ायर ब्रिगेड पहची तब तक लाखों, करोड़ो की इमारती लकडिय़ां जलकर राख में तब्दील हो गयी थी।
50 फीसदी लकडिय़ां जलकर खाक
बरगवां के काष्ठागार में रविवार को लगी भीषण आग में तकरीबन 50 फीसदी से अधिक बेशकीमती एवं जलाऊ लकडिय़ां जलकर खाक हो गयीं। इसकी पुष्टि वन अधिकारियों के द्वारा की जा रही है, लेकिन हैरानी की बात है कि आग कब लगी और बेकाबू हुई इस घटना से तैनात वन कर्मी बेसुध हैं। इसका सही जबाव डीएफओ से लेकर परिक्षेत्राधिकारी सही जबाव नहंी दे रहे हैं। गोलमाल जबाव देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे का प्रयास कर रहे हैं। वन अमले के अनुसार प्रथम दृष्टया में शार्ट-सर्किट से आग लगने की संभावना जता रहे हंै। किन्तु यह बात लोगों के गले से नहीं उतर रही है। कहीं न कहीं मामला संदिग्ध है। जन चर्चाओं के मुताबिक आग लगी नहीं बल्कि सुनियोजित तरीके से लगायी गयी है और इस मामले में व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला की बू आ रही है।
वन अमले पर कड़ी कार्रवाई किये जाने की उठी मांग
काष्ठागार की रखवाली के लिए वन कर्मी तैनात किये जाते हैं। लेकिन जब आग लगी उस दौरान वन अमला कहां था। इस तरह के सवाल आमजनों के द्वारा किया जा रहा है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब काष्ठागार में धुआ उठने लगा फिर भी वन अमले को कानो कानो तक भनक नहीं लगी। वन विभाग मान रहा है कि 50 फीसदी से अधिक लकडिय़ां जल गयी हैं। मौके पर वन मण्डलाधिकारी, एसडीओ, रेंजर सहित भारी संख्या में फारेस्ट गार्ड, वन सुरक्षा समिति के सदस्य आग पर काबू पाने के लिए प्रयासरत हैं। फिर भी देर रात तक आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है।
इनका कहना है
आग कब लगी इसकी सही जानकारी नहीं है। तेजी से आग फैलने के बाद जानकारी हुई। आग पर काबू पाने के लिए 6 दमकल वाहन और कई टैंकर मंगाये गये हैं। आग पर काबू पाने प्रयास जारी है। कितने का नुकसान हुआ है अभी बता पाना संभव नहीं है। आग लगने की वजह मुख्यत: शार्ट-सर्किट मानी जा रही है। लेकिन बीड़ी, सिगरेट की वजह से भी आग लगने की संभावना हो सकती है। अभी आग लगी कैसे यह क्लीयर नहीं है।
जया पाण्डेय,एसडीओ गोरबी,वन विभाग,सिंगरौली