इंदौर — इंदौर के अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रियांश खुशवानी हवाई सेवा रद होने के चलते भारतीय खिलाड़ियों के साथ ओमिक्रोन के बोत्सवाना में ही फंस गए हैं। पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले इंदौर जिला विजेता प्रियांश ने लोबात्से शहर में फ्यूचर सीरिज बैडमिंटन में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उन्हें सेमीफाइनल में फरोघ संजय अमन के हाथों पराजय मिली। हालांकि, प्लेयर अपने घर वालो के संपर्क में है लेकिन अब परिवार वाले चाहते है कि वो दक्षिण अफ्रीका से जल्द भारत लौटकर इंदौर पहुंचे लेकिन हवाई उड़ाने बंद होने के चलते ऐसा नही हो पा रहा है।
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बता दे कि इन्दौर के एलआईजी कालोंनी में रहने वाले खुशवानी परिवार की खुशी दुख में इसलिए तब्दील हो चुकी है क्योंकि उनका लाडला इन दिनों दक्षिण अफ्रीका से इंदौर लौटने के लिए संघर्ष कर रहा है। दरअसल स्पर्धा के बाद प्रियांश व पुरुष विजेता अमन को नरेश शंकर अय्यर और महिला विजेता रेवती देवस्थले के साथ 28 नवंबर की उड़ान से स्वदेश लौटना था लेकिन कतर एयरवेज की विमान सेवा आखिरी वक्त में रद हो गई। फिर 30 नवंबर की उड़ान से टिकट आरक्षित किया लेकिन वह भी रद हो गई। अफ्रीका में कोरोना के नए वैरिएंट की वजह से सात दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं स्थगित हो गई और चारों खिलाड़ी वहीं फंसे हुए हैं। हालांकि भारतीय दूतावास उनकी मदद कर रहा है लेकिन उनका बेटा जल्द इंदौर लौटे इसके लिए वो लगातार भारत सरकार से गुहार लगा रहे है ताकि उनके घर की रौनक लौट सके।
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इंदौर जिला बैडमिंटन संगठन के सचिव आरपीएस नैयर व सहसचिव धर्मेश यशलहा ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य जिम्मेदारों से खिलाड़ियों को स्वदेश लाने तथा प्रियांश को इंदौर लाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। इन खिलाड़ियों को इसी माह चेन्नई और हैदराबाद में आयोजित अखिल भारतीय रैंकिंग स्पर्धाओं में खेलना है।प्रियांश के पिता दिलीप खुशवानी ने बताया कि प्रियांश 25 से 28 नवंबर के बीच आयोजित अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में भारत की नुमाइंदगी के लिए उनका बेटा प्रियांश बोत्सवाना गया था।
प्रियांश सेमीफाइनल में हार गया था लेकिन प्रतियोगिता समाप्त होने के बावजूद वो अब भारत नही आ पा रहा है।28 नवंबर को बोत्सवाना की राजधानी गैबोरोन से उनके बेटे को कतर एयरवेज की उड़ान से दोहा आना था लेकिन उड़ानों पर प्रतिबंधों के चलते वो नही आ सका। जिसके बाद उन्होंने और प्रियांश ने तीन दिन में गैबोरोन-दोहा की दो उड़ानों में टिकट बुक किए लेकिन प्रतिबंधों के चलते वो उड़ानें भी रद्द हो गई।