आने वाले समय में यदिआप बस का सफर करने की सोच रहे हैं तो शायद यह संभव हो न सके इसकी वजह है कि बस संचालक किराया बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस को हरी झंडी अब तक नहीं दी है । ऐसे में बस संचालक आग बस संचालक रोकने का मन बना रहे हैं। दरअसल कोरोना महामारी में जहां देश सहित प्रदेश की अर्थव्यवस्था के पहिए को रोक दिया है तो वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में बस संचालकों ने किराया बढ़ाने की मांग को लेकर अब एक्शन मोड में आ गए हैं । अब बस संचालक शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। दरअसल कोरोना महामारी के बाद से लोग बसों में सफर करने से बच रहे हैं। शादियों के सीजन में भी उम्मीद से कम ही लोग बसों में सफर किए । ऐसे में जहां एक और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन बसों का किराया यथावत है ऐसी में लगातार घाटे से जूझ रहे अब बस संचालक जल्द ही प्रदेश भर में बसों का संचालन बंद करने का मन बना चुके हैं।
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बता दें कि मध्य प्रदेश प्राइम रूट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने कहा कि 1 सप्ताह के भीतर जल्द ही बैठक कर हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा और अब यदि बस संचालक हड़ताल पर जाते हैं तो आम आदमियों की मुसीबत निश्चित तौर पर बढ़ेगी। इंदौर मार्ग पर भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की चार्टेड व साधारण बसों में 20 से 25 फीसद से अधिक यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ रही है चार्टेड बसों में इंदौर,भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, नीमच, छिंदवाड़ा, रीवा, नसरुल्लागंज सहित सागर मार्गों पर चलने वाली बसों में सफर करने वाले लोग शादियों के सीजन में भी कम है। ऐसे में लगातार बस संचालक घाटे से जूझ रहे।
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कोरोना महामारी के बाद से राजधानी भोपाल में स्थित आईएसबीटी,नादरा,लालपुर और पुतलीघर बस स्टैंडों मैं भी यात्री नहीं पहुंच रहे हैं शादी सीजन शुरू होने के बाद भी बस स्टैंडो में चहल-पहल नहीं दिख रही है। बस संचालकों का कहना है कि उम्मीद थी कि शादियों के मुहूर्त शुरू होने पर यात्रियों की संख्या बढ़ेगी लेकिन ज्यादा यात्री नहीं बढ़ पा रहे कुल 733 में से 195 बसों का ही संचालन हो रहा है। घाटे की पूर्ति के लिए 50 फीसद यात्री किराया बढ़ने के बाद ही हो सकती है।बस संचालकों ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन ने अप्रैल,मई,जून,जुलाई, अगस्त, सितंबर,अक्टूबर, नवंबर,दिसंबर माह का टैक्स माफ किया था। लेकिन कोरोना महामारी के बाद से यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ने से लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है ।
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