कई मलाई काटने के बाद फिर सिंगरौली आने की जुगाढ़ में
फ़ेरबदल के लिए प्रभारी मंत्री या विधायकों की सहमति का इंतजार
सिंगरौली। जिले के चुनिंदा मलाईदार थानों के जुगाढ़ में कई थाना प्रभारियों को माननीयों की अनुशंसा का इंतजार करना पड़ रहा है। कुछ तो जिले में आमद देने के बाद भी विन्ध्यनगर (पहले तीसरे नंबर वाला )जैसा छोटा थाना और लंघाडोल व गढ़वा देहात क्षेत्र के थाना मंजूर नहीं हो रहे हैं। जिले के कई थानों में मलाई काटने के बाद रवानगी लेने वाले कई निरीक्षक अभी भी सिंगरौली आने की जुगाढ़ में लगे हुए हैं। कोई सत्ता की बागडोर तो कोई संगठन के सहारे सिंगरौली आने की जुगत में लगा हुआ है। हालांकि इस महिने तबादले की बयार चल ही रही थीं कि बाढ़ ने अचानक से तबादलों की रफ्तार थाम सी दी है।इधर बाढ़ और विधानसभा सत्र चालू होने से प्रभारी मंत्री दौरा नही हो पाया है।जिससे तबादलों पर माननीयों की अनुशंसा का मुहर लग सके।
सूत्रों के अनुसार बैढ़न कोतवाली, मोरवा, बरगवां, विन्ध्यनगर और यातायात की कमान संभाल चुके निरीक्षक आरपी सिंह एक बार फिर सतना जिले के रामपुर बघेलान और नागौद जैसे थानों में पदस्थापना के बाद सिंगरौली में आमद दे चुके हैं। विन्ध्यनगर थाना प्रभारी निरीक्षक राघवेन्द्र द्विवेदी के कार्यवाहक एसडीओपी के पद पर पदोन्नति के बाद रिक्त है। गढ़वा देहात थाना निरीक्षक संखधर द्विवेदी के अनुपस्थिति के कारण खाली है, लंघाडोल देहात (कई कोयला खदान व भूअर्जन के बाद मलाईदार ) थाना में उप निरीक्षक पदस्थ होने से निरीक्षक की पदस्थापना की गुंजाइश है। शायद ऐसे थाना अभी मंजूर नहीं है। निरीक्षक श्री सिंह सतना जिले से लौटे मसलन लंबा जुगाढ़ चल रहा है। इधर चर्चा है कि सरई, यातायात, कोतवाली बैढ़न, मोरवा जैसे थानों में पदस्थ रह चुके निरीक्षक अखिलेश पूरी गोस्वामी भी तीसरी बार सिंगरौली जिले में आमद देने सत्ता और संगठन के सम्पर्क में बताए जा रहे हैं। उन्हें भी सिंगरौली अपनी ओर आकर्षित कर रही है। बताया जाता है कि जिले के सरई, मोरवा व नवानगर थाना में पदस्थ रहे निरीक्षक नरेंद्र सिंह रघुवंशी भी भाजपा संगठन और सत्ता के लोगों से सिंगरौली जिले के लिए प्रयासरत है। चर्चा है कि कुछ का पीएचक्यू में भी तगड़ा जुगाढ़ चल रहा है। हालांकि लोगों में यह भी चर्चा है कि पन्ना-छतरपुर जिले से भी कुछ थाना प्रभारी निरीक्षक सिंगरौली जिले के लिए हाथ -पांव पसार रहे हैं। अब यह बात दीगर है कि उक्त थाना प्रभारियों को कितनी कामयाबी हासिल होती है यह अपना-अपना जुगाढ़ और सत्ता व संगठन को कौन कितना साध पाने में सफलता हासिल कर पाता है।