मुंहासे पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से आम समस्याओं में से एक है। यह हार्मोनल असंतुलन, तनाव, गलत और असंतुलित आहार, बालों की देखभाल के गलत तरीकों आदि के कारण हो सकता है। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि मुंहासे किशोरावस्था के दौरान ही होते हैं। यह एक भ्रम है जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। 30 और 40 की उम्र के लोगों में मुंहासे विकसित हो सकते हैं, खासकर महिलाओं में।
त्वचा विशेषज्ञ डॉ. आंचल पंथ के अनुसार इस उम्र में मुंहासों के कई कारण हो सकते हैं। डॉ. पंथ ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल के जरिए मुंहासों से जुड़ी समस्याएं साझा कीं। डॉक्टर ने समझाया, ‘यह एक आम गलत धारणा है कि मुंहासे किशोरावस्था में ही होते हैं। हमारे पास बहुत सी महिलाएं हैं जिन्हें पहली बार 30 और 40 के दशक में मुंहासे हो रहे हैं। इसका कोई एक कारण नहीं है, बल्कि कई कारणों से होता है।
डॉ. आंचल पंथ ने महिलाओं में 30 और 40 की उम्र में मुहांसे होने को लेकर कुछ कारण बताए हैं जैसे-हार्मोनल असंतुलन – डॉ. पंथ का कहना है कि इस उम्र में जिन महिलाओं को मुंहासे होते हैं, उनके मासिक धर्म का इतिहास जानना बहुत जरूरी है। महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण मुंहासे हो सकते हैं।
तनाव – अगर कोई व्यक्ति तनाव में है तो उसका तनाव किसी न किसी रूप में उसकी त्वचा पर दिखने लगता है। मुंहासे भी तनाव का एक रूप हो सकते हैं। “किसी भी प्रकार के तनाव से मुंहासे या त्वचा की कोई अन्य समस्या हो सकती है,” डॉ आंचल पंथ ने कहा।
अत्यधिक धूप में निकलना – मुंहासों से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी त्वचा को सूरज की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाएं। अत्यधिक धूप के कारण मुंहासे हो सकते हैं। इसलिए धूप में निकलने से पहले आप अपने चेहरे पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
मोटापा और बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल- हमारे आहार का हमारी त्वचा के स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। डॉ. पंथ के अनुसार, 30 से 40 वर्ष की आयु के वयस्कों में उच्च कोलेस्ट्रॉल और मोटापा मुँहासे से जुड़ा हुआ है।
अत्यधिक चीनी और दूध का सेवन – डॉ. पंथ ने कहा, अगर आप मुंहासों से पीड़ित हैं, तो चीनी और दूध का सेवन कम करें या उससे बचें। “अतिरिक्त चीनी और दूध शरीर के इंसुलिन जैसे विकास कारक (IGF) को बढ़ाते हैं,” उन्होंने कहा। IGF अधिक तेल पैदा करने के लिए तेल बनाने वाली ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और इसके परिणामस्वरूप ‘गंभीर मुँहासे’ हो सकते हैं।