सिंगरौली 26 नवम्बर। क्योंटिली गांव में वन परिक्षेत्राधिकारी सहित उनकी टीम पर पत्थर व लाठी-डण्डे से हमला करने वाले आरोपियों को पकडऩे के लिए गढ़वा पुलिस दूसरे दिन क्योंटिली गांव में दबिश दी, लेकिन आरोपी पुलिस के हांथ नहीं लगे। पुलिस फरार आधा दर्जन से अधिक आरोपियों की तलाश कर रही है। कहा यह भी जा रहा है कि पुलिस ने रेत माफियाओं को खुली छूट दी थी कि जिसको चाहो,जब चाहो कुछ भी कर सकते हो बाकी संभाल लेंगे। लेकिन रेत माफियाओं का यह दांव उल्टा पड़ गया अब रेत माफिया थाना प्रभारी के गले की फांस बनती जा रही है।
गौरतलब हो कि क्योंटिली व बडऱम गांव के सोन नदी से रेत की हो रही अवैध उत्खनन व परिवहन को रोकने के लिए सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य बगदरा,बीछी के परिक्षेत्राधिकारी जीतेन्द्र कुमार अपने टीम के साथ 24 नवम्बर की शाम क्योंटिली व बडऱम गांव के सोन नदी घाट पहुंच मार्गों पर जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदाई कर रहे थे। इसी दौरान रेत कारोबारी भारी संख्या में पहुंच सोन घडिय़ाल अमले का विरोध करने लगे। इसके बावजूद वन विभाग की टीम अघोषित सड़कों में गड्ढो खोदवाने का कार्य कराती रही तभी रेत कारोबारी वन अमले की टीम पर पत्थर, लाठी-डण्डे से हमला कर कईयों के मोबाइल छिन लिये गये। वहीं परिक्षेत्राधिकारी सहित अन्य वन सुरक्षा कर्मियों को काफी चोटे आयीं। घटना की सूचना गढ़वा थाना व नौडिहवा पुलिस को दी गयी। जहां पुलिस घटना स्थल पहुंच रेत माफियाओं की तलाश में जुट गयी। बीटगार्ड देवरा के रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया। कल गुरूवार को एसडीओपी राजीव पाठक व तहसीलदार सहित गढ़वा, चितरंगी तथा एसएएफ के जवानों ने संयुक्त रूप से फ्लैग मार्च कर आरोपियों के घरों में दबिश देती रही लेकिन आरोपी घटना के बाद से ही फरार हैं। इस संबंध में गढ़वा टीआई मनोज सोनी ने बताया कि आज दूसरे दिन भी फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस ने कई जगह उनके ठिकानों पर दबिश दी गयी। आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश लगातार जारी है।
पुलिस के संरक्षण में चल रहा था रेत का कारोबार गढ़वा थाना क्षेत्र में सोन नदी होने के चलते रेत का व्यापक पैमाने पर कारोबार हो रहा था इस कारोबार में पुलिस भी राजदार थी पुलिस के संरक्षण में रेत माफिया इस कदर हावी हो गए कि रेत की अवैध उत्खनन की शिकायत करने वालों को झूठे मामलों में भी फसाया जाने लगा अब जब रेत माफिया सरकारी तंत्र पर प्रहार किया तो प्रशासन तिलमिला उठा और रेत माफियाओं को पकड़ने के लिए क्योटली गांव में डेरा डाल दी। गांव वालों ने बताया कि कुछ चंद लोगों को पुलिस संरक्षण देकर रे चोरी करवा रही थी सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस को रेत माफिया के बारे में जब पहले से जानकारी थी उसके बाद भी पुलिस ने रेत माफिया पर हाथ डालने से क्यों कतरा रही है।
रेत माफिया पर राजनैतिक संरक्षण गढ़वा क्षेत्र में हो रहे रेत के अवैध कारोबार में शामिल रेत माफिया इसके पहले भी पुलिस पर हमला कर चुका है लेकिन स्थानीय पुलिस और रेत माफिया की मिलीभगत से आज तक रेत माफिया के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है सूत्र बता रहे हैं कि रेत माफियाओं को राजनैतिक संरक्षण भी है जिसके चलते पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल रही। यही वजह है कि अब रेत माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं केवल प्रशासनिक अधिकारियों पर भी हमला करने से नहीं चूकते।
संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में पुलिस
पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र कुमार सिंह ने कल गुरूवार को नवभारत से चर्चा करते हुए कहा था कि अवैध रेत कारोबार में जुड़े व वन विभाग की टीम पर हमला करने वाले आरोपियों को बक्सा नहीं जायेगा। उन पर कड़ा एक्शन लिया जायेगा। पुलिस अधीक्षक के आगाह के बाद संकेत मिल रहे हैं कि सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य टीम पर हमला करने वाले फरार आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। पुलिस सूत्रों ने इस बात का संकेत दिया है कि किसी भी हालत में आरोपी बक्से नहीं जायेंगे। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें बनायी गयी हैं।
इनका कहना है
वन विभाग की टीम पर हमला करने वाले आरोपियों की पहचान कराकर उनकी तलाश लगातार जारी है। साथ ही फरार आरोपियों के संपत्ति कुर्क करने की भी तैयारियां की जावेगी। आज दूसरे दिन भी उनके ठिकानों पर दबिश दी गयी।
राजीव पाठक,प्रभारी एसडीओपी,चितरंगी