सीहोर मध्यप्रदेश में पुलिस की संवेदनहीनता एक बार फिर देखने को आई है। यहां थाना प्रभारी को पीड़ित का की रिपोर्ट ना लिखना व मृत्यु के पहले मृतिका का बयान दर्ज ना करना महंगा पड़ा हैं दरअसल एक युवती ने अपने घर में खुद को आग के हवाले कर ली। इसके बाद 18 मार्च को युवती को इलाज के लिए भोपाल रेफर किया गया जहां युवती की मौत हो गई अब इस मामले में एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने एक्शन लेते हुए टीआई माधव सिंह गणेश और यस आई श्याम सिंह सूर्यवंशी की बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद दोनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक 18 मार्च को ग्राम देवली के एक 16 वर्षीय युवती ने अपने घर में मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी जिसके बाद मृतिका कीमत का आरोप है कि 16 वर्षीय युवती को जलाकर हत्या की गई है बावजूद इसके पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं हुई। घटना के बाद लड़की को सीहोर से उपचार के लिए भोपाल रेफर किया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस की लापरवाही इस कदर दिखी की पीड़िता की ना तो एफ आई आर दर्ज हुई और ना ही मृत्यु पूर्व उसका बयान हुआ जिसके बाद यस पी एस एस चौहान ने मामले की गंभीरता को समझते हुए लापरवाही बरतने वाले थाना प्रभारी सहित सब इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इस पूरे मामले को लेकर एसपी सिद्धार्थ चौहान ने कहा कि युवती को 19 मार्च को भोपाल रेफर किया गया जहां पहुंचे थाना प्रभारी व सब इंस्पेक्टर ने युवती का बयान नहीं लिया वही 22 मार्च को युवती की मौत हो गई जिसके बाद 22 मार्च को उसका अंतिम संस्कार किया गया इस मामले में युवती का बयान ना लेना बड़ी लापरवाही मानी गई है।